सार
ये कहानी केवल एनेका की नहीं है, फेसबुक से निकाले गए उन 11 हजारों लोगों की है, जिन्हें कुछ समय के लिए बहुत बुरे दौर से गुजरना होगा।
फेसबुक में कार्यरत भारतीय मूल की महिला एनेका पटेल (Anneka Patel) के साथ जो हुआ, वो जानकर लोग हैरान हैं। ये कहानी बताती है कि कई बार कॉर्पोरेट कल्चर में ऐसा भी दौर आता है जब आपकी भावनाएं और समस्याएं केवल आपकी ही रह जाती हैं, और लोग केवल सहानुभूति ही जताते हैं।
मैटरनिटी लीव पर थीं एनेका
मई 2020 से फेसबुक में कार्यरत अनेका ने लिंकडिन पर अपनी भावुक करने वाली कहानी बताई। उन्होंने बताया कि वे मैटरनिटी लीव पर थीं। रात को 3 बजे वे अपनी नवजात बच्ची एमीलिया को दूध पिलाने के लिए उठीं। फेसबुक (Meta) में छटनी की शुरुआत के साथ उन्हें भी डर सता रहा था कि कुछ गलत न हो जाए और तकरीबन सुबह 5.35 पर उन्हें वो मेल आ ही गया। ये मेल पढ़ते ही वे भावुक हो गईं, फेसबुक की छटनी में उनका भी नाम था।
लिंकडिन पर शेयर की भावुक करने वाली कहानी
एनेका ने लिंकडिन पर एक पोस्ट करते हुए इस दुख को बयां किया। उन्होंने बताया कि अभी तो उनकी मैटरनिटी लीव शुरू ही हुई थी। उनकी मैटरनिटी फरवरी तक थी, लेकिन इसी बीच उन्हें भी मेटा कंपनी से हटा दिया गया। बता दें कि फेसबुक (Meta) ने एक दिन पहले ही अपने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, एनेका भी उनमें से एक हैं।
पहले मां होने का फर्ज निभाएंगी एनेका
पेशे से कम्यूनिकेशन मैनेजर रहीं अनेका ने कहा कि मां बनने के बाद के शुरुआती कुछ महीने वैसे भी चुनौतीपूर्ण होते हैं और एक और चुनौती उनके सामने है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे पूरा ध्यान अपनी तीन महीने की बेटी एमीलिया पर लगाएंगी और नए साले में फिर नया काम शुरू करेंगी। एनेका के साथ जो कुछ भी हुआ उसपर कई लोगों ने दुख प्रकट किया और सहानुभूति जताई। हालांकि, ये कहानी केवल एनेका की नहीं है, फेसबुक से निकाले गए उन 11 हजारों लोगों में से कई लोगों की है, जिन्हें कुछ समय के लिए बहुत बुरे दौर से गुजरना होगा।
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