सार

हिजाब को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में बहस छिड़ी हुई है। हिजाब को लेकर विवाद (Hijab Controversy) भी जन्म ले चुका है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया से एक अलग खबर है। ये हैं फातिमा पेमैन, जो सीनेटर बनी हैं। ये हिजाब के कारण मीडिया की सुर्खियों में हैं।

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. हिजाब को लेकर दुनियाभर में बहस या विवाद (Hijab Controversy) छिड़ा हुआ है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया से एक अलग खबर है। ये हैं फातिमा पेमैन, जो सीनेटर बनी हैं। ये हिजाब के कारण मीडिया की सुर्खियों में हैं। 27 साल की फातिमा पेमैन(Fatima Payman) ने इस हफ्ते ऑस्ट्रेलिया की संसद में हिजाब पहनने वाली पहली सीनेटर बनने के बाद इतिहास रच दिया है।

जानिए क्यों मीडिया पर चर्चा में हैं पेमैन
पेमैन ने संसद में अपने पहले भाषण में कुछ ही मिनटों में अपने पिता को उनके बलिदान के लिए धन्यवाद दिया। पेमैन के पिता एक अफगान शरणार्थी के रूप में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे। 2018 में उनकी मृत्यु हो गई थी। पेमैन ने कहा-"किसने सोचा होगा कि अफगानिस्तान में जन्मी एक युवती और एक शरणार्थी(refugee) की बेटी आज इस कक्ष में खड़ी होगी? मेरे पिता ने एक टैक्सी ड्राइवर और सुरक्षा गार्ड के रूप में अपने परिवार और मेरे भाई-बहनों का भविष्य संवारने  पर्याप्त धन बचाया।

जब पिता ऑस्ट्रेलिया आए, तब पेमैन 8 साल की थीं
पेमैन आठ साल की थी, जब वे 2003 में अपने पिता और तीन छोटे भाई-बहनों के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंची थीं। पेमैन ने पर्थ में ऑस्ट्रेलियन इस्लामिक कॉलेज में पढ़ाई की। इसके बाद डॉक्टर बनने के लिए यूनिवर्सिटी ज्वाइन की, लेकिन इसके बजाय वे पॉलिटिक्स में आ गईं। Payman के पिता की 2018 में 47 वर्ष की आयु में ल्यूकेमिया से मृत्यु हो गई थी। पेमैन को दु:ख कि दुर्भाग्य से उन्हें सीनेटर बनते देखने के लिए वे अब जीवित नहीं रहे।

हिजाब को लेकर कई देशों में विवाद है 
हाल में यूरोपियन सोशियोलॉजिकल रिव्यू(European Sociological Review) में एक स्टडी छपी है। रिसर्चर्स ने एक फील्ड एक्सपेरिमेंट किया। इससे पता चला कि हिजाब पहनकर अपनी पहचान छुपाने वालीं मुस्लिम महिलाओं को नीदरलैंड और जर्मनी में नौकरी की तलाश में क्लाइंट और कस्टमर्स के बीच सार्वजनिक कमेंट्स झेलने पड़ते हैं। जिन महिलाओं ने हिजाब पहने फोटो में आवेदन किया, उन्हें नौकरी नहीं मिली। ये आवेदन डायरेक्ट क्लाइंट-कस्टमर्स बेस्ड सर्विस जैसे-हेयर ड्रेसरर, शॉप असिस्टेंट और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव की जॉब के लिए थे। क्लिक करके पढ़ें पूरी खबर

यह भी पढ़ें
सिर्फ सेक्स के लिए निकाह पढ़ रहे तालिबानी लड़ाके, एक लेडी जर्नलिस्ट ने खोल दी पोल, तो भुगतना पड़ा ये अंजाम
Hijab Controversy: कर्नाटक के मुस्लिम संगठन ऐसे कॉलेज खोलने की तैयारी में, जहां हिजाब पर बैन नहीं होगा