सार

आज के समय में टाटा समूह नमक से लेकर ट्रक तक बनाती है। यह देश की बड़ी कंपनियों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं। इस समूह की नींव महज 21000 हजार रुपयों से पड़ी थी। यह एकदम सत्य है। सन 1868 में जमशेद जी टाटा ने 21000 रुपये से बिजनेस की शुरुआत की थी     और इस कंपनी की नींव रखी थी। 
 

ट्रेडिंग डेस्क : टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा का का जन्मदिन है। आज टाटा समूह नमक से लेकर ट्रक तक बनाती है। टाटा समूह को इस मुकाम पर लाने में जमशेदजी टाटा का अहम योगदान रहा है। आज ही दिन 183 साल पहले 3 मार्च 1839 गुजरात के नवसारी जिले में उनका जन्म हुआ था। कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा ने देश को बिजनेस करना सिखाया। आज हम आपको जमशेद जी टाटा से जुड़े हुए कुछ रोचक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें शायद ही आपने पहले सुना हो। 

जमशेदजी के पीछे-पीछे चलती थी कामयाबी, 2100 से शुरू किया था बिजनेस
जमशेदजी जन्म सन् 1839 में गुजरात के नवसारी में हुआ था। उनके पिता जी का नाम नौशेरवांजी व उनकी माता का नाम जीवनबाई टाटा था। पारसी पादरियों के अपने खानदान में नौशेरवांजी पहले व्यवसायी थे। जब अंग्रेजों ने मुंबई शहर को बसाना शुरू किया, तो लाभ कमाने के चक्कर में नुसरवानजी नौसारी से मुंबई आ गए। जमशेदजी 14 साल की उम्र से ही पिताजी का धंधे में हाथ बढ़ाने लगे। 29 साल की उम्र तक वे अपनी बचत के 21,000 रुपये की पूंजी के साथ एक ट्रेडिंग कंपनी की स्थापना की। इसके बाद तो जमशेदजी टाटा आगे-आगे और कामयाबी उनके पीछे-पीछे चलती रही।

यह भी पढ़ें: बेटे की जान बचाने सांड से भिड़ गया पापा, फिल्मी स्टाइल में दी शिकस्त, देखें वीडियो

सबसे पहले एक दिवालिया तेल कारखाना ख़रीदा 
इसके बाद जमशेद जी ने सबसे पहले एक दिवालिया तेल कारखाना ख़रीदा और उसे एक रुई के कारखाने में तब्दील कर दिया तथा उसका नाम बदल कर रखा- एलेक्जेंडर मिल । दो साल बाद उन्होंने इसे खासे मुनाफ़े के साथ बेच दिया। 

नागपुर में कपड़े की मील की स्थापना
भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में जमशेदजी का अभूतपूर्व योगदान है। इन्होंने भारतीय औद्योगिक विकास का मार्ग ऐसे समय में प्रशस्त किया, जब केवल अंग्रेज ही कुशल माना जाता था। इंग्लैंड की यात्रा से लौटकर उन्होंने चिंचपोकली के एक तेल मिल को कताई-बुनाई मिल में परिवर्तित कर औद्योगिक जीवन का सूत्रपात किया, लेकिन वे अपनी इस सफलता से संतुष्ठ नहीं हुए। और फिर से इंग्लैंड गए  और वहां बारीक वस्त्र की उत्पादन विधि और उसके लिए उपयुक्त जलवायु का अध्ययन किया। वहां से लौटने पर उन्होंने नागपुर में एक सूती मिल की स्थापना की। 

होटल ताज की थी स्थापना, खरीदी थी देश में सबसे पहली कार 
होटल ताज आज दुनिया के बेहतरीन होटलों में से एक है। इसकी भी स्थापना 1903 में जमशेदजी टाटा ने ही की थी। इस दौरान होटल की लागत 4 करोड़ 21 लाख रुपये आई थी। यह भारत का पहला होटल ऐसा था, जहां बिजली की व्यवस्था थी। कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा ने देश में सबसे पहली कार थी। 

भारतीय विज्ञान संस्थान की स्थापना जमशेद के प्रयासों का नतीजा
जमशेदजी टाटा का विजन था कि वह उच्च-स्तरीय विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करें। ऐसा कहा जाता है कि जमशेदजी ने अपने इस विजन को पूरा करने के लिए बम्बई में 14 बिल्डिंग और 4 प्लॉट तक दे दी थी। आखिरकार उनके प्रयास रंग लाए और सन 1909 में ब्रिटिश सरकार को भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) का स्थापनादेश जारी करना पड़ा।  टाटा समहू ने 1907 में देश की पहली स्टील कंपनी टाटा स्टील एंड आयरन कंपनी (टिस्को) की स्थापना की। जमशेदजी का विजन झारखंड के जमशेदपुर में दिखता है। टाटानगर के नाम से मशहूर इस शहर को नियोजित तरीके से बसाया गया है। 19 मई 1904 को जर्मनी में उनकी मृत्यु हो गई। इस वक्त उनकी उम्र 65 साल थी। 

देशभक्त और एक मानवतावादी  थे जमशेदजी
जमशेद जी टाटा उद्यमी से अधिक एक देशभक्त और एक मानवतावादी थे, जिनके आदर्शों और दृष्टि ने एक असाधारण व्यावसायिक समूह को आकार दिया। जमशेदजी के परोपकारी सिद्धांत इस विश्वास में निहित थे कि भारत को गरीबी से बाहर निकलने के लिए उनके बेहतरीन दिमाग का इस्तेमाल करना होगा।

यह भी पढ़ें- Pashu Kisan Credit Card: पशुपालन या डेयरी फॉर्मिंग कर रहे प्लान, सरकार करेगी आपकी मदद, जानें पूरी स्कीम