सार
कार खरीदने के लिए एक शख्स शोरूम पहुंचा। वह उसे छह लाख की कार पसंद आई। भुगतान वह दस-दस रुपए के सिक्कों में करना चाहता था। पहले शोरूम मालिक ने मना कर दिया, लेकिन शख्स ने जब इसकी वजह बताई तो वह तैयार हो गया।
नई दिल्ली। एक शख्स ने 6 लाख की कार खरीदी। यह कार उसने नकद पैसे देकर खरीदी, मगर भुगतान नोटों में नहीं किया बल्कि, दस-दस रुपए के सिक्कों में किया। सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि शख्स ने जब सिक्के में भुगतान किया तो कार के मालिक ने रकम लेने से मना कर दिया। शख्स ने जब सिक्कों में भुगतान की वजह बताई, कार मालिक गाड़ी बेचने के लिए मान गया।
यह चौंकाने वाला मामला तमिलनाडु के धर्मपुरी स्थित अरुर क्षेत्र का है। यहां वेत्रिवेल नाम का शख्स कार खरीदने के लिए दस-दस लाख के सिक्के लेकर शोरूम में गया। उसने बताया कि ऐसा करने की एक खास वजह है। उसने बताया कि वह प्राथमिक स्कूल और पारंपरिक दवाओं से जुड़ा मेडिकल स्टोर चलाता है। साथ ही उसकी मां भी एक दुकान चलाती है।
बैंक वालों ने भी अजीबो-गरीब दलील देकर सिक्के लेने से इंकार कर दिया
वेत्रिवेल के अनुसार, जब मां की दुकान पर कोई सामान खरीदने आता है, तो वह शेष रकम के तौर पर दस रुपए का सिक्का लेने से मना कर देता है। ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं और इससे उनके पास एक बड़ी रकम जमा हो गई। जब वह इन सिक्कों को बैंक में नोटों के लिए एक्सचेंज कराने पहुंचा तो बैंक वालों ने भी इसे लेने से मना कर दिया। बैंक वालों की दलील थी कि इतने अधिक सिक्के गिनने के लिए उनके पास कर्मचारी नहीं हैं।
माता-पिता अब बच्चों को ये सिक्के खेलने के लिए दे रहे हैं, जो गलत है
वेत्रिवेल ने कार शोरूम के मालिक को बताया कि उसने बहुत से बच्चों को दस-दस रुपए के सिक्कों से खेलते देखा है। जब वह उनसे पूछता है कि वे ऐसा क्यों करते हैं, जो जवाब मिलता है कि माता-पिता ने खेलने को दिया है। ये अब बेकार हैं, क्योंकि कोई इन्हें लेता नहीं है। इससे सबक लेते हुए वेत्रिवेल ने दस-दस रुपए जोड़ने शुरू किए और जब रकम करीब छह लाख हो गई, तो उसने कार खरीदने का मन बनाया।