सार
जर्मन कंपनी ने आलीशान जहाज बनाया। मगर इसे अब कोई खरीदने वाला नहीं मिल रहा। काफी पैसा लगा चुकी कंपनी दिवालिया घोषित होने के बाद इसे कबाड़ के भाव में बेचने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में सबसे बड़े क्रूज जहाज में से एक ड्रीम लाइन-2 को कबाड़ के भाव में बेचा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि लंबे समय से यह जहाज किसी खरीददार का इंतजार कर रहा है और आने वाले कुछ हफ्तों में भी इसकी कोई संभावना नहीं दिख रही, जबकि इसे बनाने वाली कंपनी अब कर्ज में डूब चुकी है और मालिक को दिवालिया घोषित कर दिया गया है।
जर्मन क्रूज उद्योग की रिपोर्टिंग करने वाली मैग्जीन एन बोर्ड ने यह जानकारी बीते शुक्रवार को तब दी, जब इसे बनाने वाली कंपनी ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए बताया कि इसे कबाड़ के भाव में बेचे जाने की संभावना है, क्योंकि इसे कोई भी खरीदना नहीं चाहता। इसे बनाने वाली कंपनी ब्रिंकमैन एंड पार्टनर के कर्ताधर्ता क्रिस्टोफ मार्गन को बैंक की ओर से दिवालिया घोषित किया जा चुका है। मार्गन के अनुसार, ग्लोबल ड्रीम-2 के कुछ हिस्सों में शुरू में कबाड़ के भाव में बेचा जा रहा है।
बीते जनवरी में कंपनी के मालिकों ने खुद को दिवालिया घोषित किए जाने की अर्जी दी थी
बताया जा रहा है कि जर्मन शिपबिल्डर और हांगकांग की कंपनी जेटिंग मिलकर इस आलीशान जहाज का निर्माण कर रहे थे। दोनों ने मिलकर इस साल जनवरी में खुद को दिवालिया घोषित किए जाने के लिए अर्जी दी थी। दोनों कंपनियां मिलकर ग्लोबल लेवल के जहाजों की एक सीरीज बना रही थीं। जिस ड्रीम लाइन-2 जहाज को अब कबाड़ के भाव बेचने की तैयारी हो रही है, वह जेटिंग कंपनी के स्वामित्व वाली तीन क्रूज लाइनों से एक है।
जहाज का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, मगर अब यह कबाड़ के भाव बिकेगा
यह जहाज जर्मनी के विस्मर में एमवी वेरफटेन फैक्ट्री की डॉक में मौजूद है। यहीं इसका निर्माण भी हो रहा था। कंपनी का दावा था कि कुछ पार्टी ने इस जहाज को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी, मगर यह कीमत उतनी नहीं थी कि हमारी लागत भी निकल सके। यह जहाज अब भी निर्माणाधीन है और करीब 80 प्रतिशत तक इसका काम पूरा हो चुका था। मगर कंपनी को बीच में ही इसे कबाड़ में बेचने का फैसला लेना पड़ा।
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