सार

यूके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में लैम्ब्डा वेरिएंट का पता चला है। कोरोना का नया स्ट्रेन लैम्ब्डा सबसे पहले पेरू में मिला। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक है। 

नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच COVID-19 के एक के बाद एक नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। WHO ने अब कोविड के 'लैम्ब्डा' वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की है। जून 2021 से अपने विकली बुलेटिन में WHO ने कहा था कि लैम्ब्डा कई देशों में संक्रमण की वजह बना है। 

पहली बार पेरू में मिला लैम्ब्डा वेरिएंट
लैम्ब्डा वेरिएंट को सबसे पहली बार पेरू में पहचाना गया। दिसंबर 2020 की शुरुआत में इसका पता चला था। अभी ये दक्षिण अमेरिकी में सबसे ज्यादा प्रभावी है। यहां इससे 80% से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 

डब्ल्यूएचओ ने कहा, लैम्ब्डा वेरिएंट से संक्रमण फैलने का डर बहुत ज्यादा है। ये एंटीबॉडी को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन तथ्यों को मजबूती से बताने के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है। 

30 से अधिक देशों में लैम्ब्डा वेरिएंट
यूके के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले चार हफ्तों में 30 से अधिक देशों में वेरिएंट का पता चला है। लैम्ब्डा स्ट्रेन का पता सबसे पहले पेरू से चला। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि ये डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है। यूके में एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि वैक्सीन के बाद भी ये बुरा प्रभाव डाले। 

क्या भारत में भी आ चुका है लैम्ब्डा
नहीं। भारत में अभी  लैम्ब्डा वेरिएंट के एक भी केस नहीं आए हैं। हालांकि यह दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। एक्सपर्ट्स को डर है कि इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने से भारत में लैम्ब्डा सहित नए वेरिएंट आ सकते हैं।