सार

देबंजन देब ने अपने ट्विटर हैंडल पर फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और अन्य मंत्रियों के साथ कई तस्वीरें पोस्ट की थीं। आरोप है कि नकली आईएएस अधिकारी देबंजन देब ने कोलकाता में वैक्सीन कैंप का आयोजन किया था। देबंजन देब के सोशल मीडिया अकाउंटर पर कुछ तस्वीरे मिली हैं, जिसमें हकीम और मुखर्जी के अलावा आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर शांतनु सेन दिख रहे हैं।
 

प. बंगाल. कोलकाता में फेक वैक्सीनेशन कैंप लगाने के आरोपी फर्जी आईएएस अधिकारी देबंजन देब का टीएमसी के बड़े नेताओं और मंत्रियों से संबंध होने का आरोप लग रहा है। देबंजन देब की तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ दोस्ती की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसके बाद भाजपा ने पार्टी पर हमला शुरू कर दिया है। 

वायरल तस्वीरों में कौन-कौन दिख रहा है?
देबंजन देब ने अपने ट्विटर हैंडल पर फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और अन्य मंत्रियों के साथ कई तस्वीरें पोस्ट की थीं। आरोप है कि नकली आईएएस अधिकारी देबंजन देब ने कोलकाता में वैक्सीन कैंप का आयोजन किया था। देबंजन देब के सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ तस्वीरे मिली हैं, जिसमें हकीम और मुखर्जी के अलावा आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर शांतनु सेन और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविषेक डालमिया भी दिख रहे हैं।

भाजपा ने टीएमसी पर लगाए आरोप
तस्वीरें वायरल होने के बाद भाजपा ने टीएमसी पर हमला शुरू कर दिया। देबंजन देब के साथ नेताओं की मौजूदगी पर सवाल उठाया। भाजपा सांसद सौमित्र खान ने भी केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग की। राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट कर कहा, कोलकाता में फर्जी आईएएस और फर्जी टीकाकरण घोटाले की और ज्यादा जानकारी का इंतजार है।  

सौमित्र खान ने लिखा, ओपन मार्केट में वैक्सीन कैसे मिल रही है? तृणमूल सांसद और विधायक इसमें शामिल हैं। यह उनकी मौजूदगी में किया जा रहा है। अगर इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से होगी तो सही जानकारी सामने आएगी।

शांतनु सेन ने आरोपों का खंडन किया है
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, कोविड-19 की पहली लहर में कई संगठनों और व्यक्तियों ने अस्पतालों, डॉक्टरों और अन्य संस्थानों को देने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को मास्क, सैनिटाइज़र, ग्लब्स, पीपीई किट दान किए।

"यह आदमी उन लोगों में से एक हो सकता है। उसने खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताया होगा न कि आईएएस। एक जन प्रतिनिधि के रूप में हम अक्सर कई जगहों पर कई अनजान लोगों से मिलते हैं जो हमारे साथ तस्वीरें लेते हैं।" 

नकली वैक्सीन कैंप पर विवाद की शुरुआत  
पुलिस ने 28 साल के देबंजन देब को फर्जी IAS अधिकारी बनने और गलत तरीके से एक कोविड-19 वैक्सीन सेंटर चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया। ये वही जगह है जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी उसे थप्पड़ मारा था। दरअसल, मिमी चंक्रवर्ती को कैंप को लेकर शक हुआ क्योंकि उन्हें मैसेज नहीं मिला। बता दें कि पहले खुराक लेने के बाद सरकार की तरफ से एक मैसेज मोबाइल नंबर पर आता है।