सार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को चुनाव आयोग और न्यायपालिका पर सवाल खड़ किये, उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग के जरिये लोगों की आवाज को दबाई जा रही है। राहुल गांधी के बयान सोशल मीडिया पर जमकर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
 

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) बुधवार को संसद में विवादित बयान दिया है।  उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग के जरिये लोगों की आवाज को दबाई जा रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण राहुल ने कहा कि राष्‍ट्रपति का अभिभाषण सच से दूर है। आज दो हिंदुस्‍तान बन गए हैं। गरीबों का हिंदुस्‍तान और अमीरों का हिंदुस्‍तान। अभिभाषण में बेरोजगारी और युवाओं का कोई जिक्र नहीं था।  राहुल ने मोदी सरकार पर आम आदमी की आवाज को दबाने का आरोप लगाया। राहुल गांधी के बयान पर सोशल मीडिया पर लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, सोशल यूजर्स ने राहुल गांधी को जमकर ट्रोल किया है। 

सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर ट्रोल किया
पीयूष सिसोदिया नामक एक यूजर ने लिखा कि भाषण के दौरान 20-25 सेकंड में राहुल जी ने और 4 करोड़ लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाल दिया। वाह..!  

 

राजकुमार शर्मा नामक यूजर ने लिखा कि आज दुनिया का आठवां अजूबा हुआ। फिऱोज राहुल गांधी ने बहुत दिनों बाद बिना बहिर्गमन किए अपना भाषण? ज्यों त्यों पूरा किया। बीजेपी वालो ने भी हंगामा न कर उनकी बकवास सुनली और उनको बहिर्गमन कर अपने अज्ञान व अक्षमता छुपाने का मौका नहीं दिया। यही है मोदी की कार्यशैली।अब मोदी का जलवा देखना। 

वहीं मनोज द्विवेदी नामक एक यूजर ने लिखा कि धन्य हैं वे लोग जिन्हें राहुल गांधी के भाषण में इतनी विशेषताएं दिखाई देती हैं। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि गुलामों की गुलामी की अद्भुत मिसाल। राहुल गांधी के भाषण के बाद अधिकतर कोंग्रेसी जाने लगे। उनकी ही पार्टी के बालू जी ने बोलना ही आरम्भ किया था। सभापति को कहना पड़ा "बालू जी आप बोल रहे हैँ और आपकी ही पार्टी के लोग बाहर जा रहे हैँ।" यह है कांग्रेस की निष्ठा. 


गौरतलब है कि अक्सर राहुल गांधी अपने बयानों की वजह से सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ जाते हैं, इससे पहले 30 जनवरी को महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर कहा था एक हिंदुत्ववादी नेता ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गोली मारी थी, जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उनपर जमकर हमला बोला था। 

यह भी पढ़ें-लोकसभा में राहुल का विवादित बयान, कहा - न्यायपालिका और चुनाव आयोग के जरिये लोगों की आवाज दबाई जा रही