सार

आरएसएस अब अपने सभी सभी बड़े फैसले और अपेक्षित जानकारियां Koo के जरिए लोगों से उनकी अपनी भाषा में साझा करेगा। @RSSOrg संगठन का अधिकृत अकाउंट है। Koo में आरएसएस की एंट्री इसलिए भी ट्विटर के लिए बड़ा झटका है क्योंकि आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन होने के साथ भारत ही नहीं दुनिया भर में इसके करोड़ों समर्थक हैं। 

नई दिल्ली. सोशल मीडिया की दिग्गज अमेरिकी कंपनी ट्विटर की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अपनी मनमानी के लिए मशहूर इस कंपनी को अब भारत में देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo से कड़ी टक्कर मिल रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मेड इन इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Koo  से जुड़ने का फैसला किया है। 

आरएसएस से जुड़े बड़े अपडेट यहां मिलेंगे
आरएसएस अब अपने सभी सभी बड़े फैसले और अपेक्षित जानकारियां Koo  के जरिए लोगों से उनकी अपनी भाषा में साझा करेगा।  @RSSOrg  संगठन का अधिकृत अकाउंट है। Koo में आरएसएस की एंट्री इसलिए भी ट्विटर के लिए बड़ा झटका है क्योंकि आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन होने के साथ भारत ही नहीं दुनिया भर में इसके करोड़ों समर्थक हैं। 

केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच विवाद
पिछले कुछ महीनों से केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच ब्लू टिक समेत नए नियमों को लेकर काफी तनातनी चल रही थी। कुछ दिनों पहले ट्वीटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि इस फैसले पर बवाल बढ़ने के बाद ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल पर दोबारा ब्लू टिक लगा दिया था। 

एक घंटे लॉक था रविशंकर प्रसाद का अकाउंट
यहां तक की कंपनी ने पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ही कुछ समय के लिए ब्लॉंक कर दिया था। प्रसाद का ट्विटर अकाउंट करीब एक घंटे 'लॉक' रहा था । ट्विटर ने अपने इस कदम के पीछे अमेरिका के 'डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट' के उल्लंघन का हवाला दिया। साथ ही साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी अपना अकाउंट ब्लॉक करने के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी । 

कैबिनेट विस्तार का भी दिखा असर
जिस तेजी से Koo लोकप्रिय हो रहा है, उसे देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में और भी बड़े दिग्गज नेता Koo में नजर आएंगे। बुधवार शाम मोदी सरकार के कैबिनेट फेरबदल का असर साफ तौर पर Koo  पर देखा गया। सभी मंत्री जिन्हें मंत्री पद के लिए चुना गया और और जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया सभी एक दूसरे को ट्विटर से पहले Koo से जुड़ बधाइयां दे रहे थे। इनमें कुछ बड़े नाम है धर्मेंद्र प्रधान, CM  बिरेन सिंह, किशन रेड्डी, हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल है।  

कू ऐप क्या है?
कू एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है। इसे मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरु की बॉम्बीनेट टेक्नॉलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। इसे भारत के ही अपरामेया राधाकृष्णण और मयंक बिदवक्ता ने डिजाइन किया है। कू चार भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ में है। प्ले स्टोर पर 5 मिलियन से ज्यादा लोगों ने कू को डाउनलोड किया है।