सार

देश में कोरोना की दूसरी लहर का खतरा अभी टला भी नहीं है कि कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना जताना शुरू कर दिया है। बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर डॉक्टर गिरिधारी बाबू ने कहा, तीसरी लहर के कई फैक्टर हो सकते हैं। इसका असर दिसंबर में देखने को मिल सकता है। जैसे कि कितने लोगों को वैक्सीन लगी है। सुपर स्प्रेडर घटनाओं को रोकने के लिए क्या-क्या इंतजाम करते हैं। कोरोना के नए वेरिएंट का पता कितनी जल्दी लगा लेते हैं। ये सभी फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना की दूसरी लहर का खतरा अभी टला भी नहीं है कि कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना जताना शुरू कर दिया है। बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर डॉक्टर गिरिधारी बाबू ने कहा, तीसरी लहर के कई फैक्टर हो सकते हैं। इसका असर दिसंबर में देखने को मिल सकता है। जैसे कि कितने लोगों को वैक्सीन लगी है। सुपर स्प्रेडर घटनाओं को रोकने के लिए क्या-क्या इंतजाम करते हैं। कोरोना के नए वेरिएंट का पता कितनी जल्दी लगा लेते हैं। ये सभी फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

तीसरी लहर से पहले क्या तैयारी करें?

1- भारत में तीसरी लहर पर सरकार के गणितीय मॉडलिंग विशेषज्ञ प्रोफेसर एम विद्यासागर ने कहा, दूसरी लहर में काफी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन के कार्यक्रम को और तेजी से चलाने की जरूरत है। अगर 6 महीने में हम बड़ी आबादी को वैक्सीन लगा देते हैं तो तीसरी लहर में ज्यादा खतरे से बच सकते हैं। 

2- डॉक्टर गिरिधारी बाबू ने कहा, कोरोना की लहर से निपटने के लिए सरकार को एक योजना पर काम करना चाहिए। हमें मजबूत माइक्रोप्लानिंग और वैक्सीनेशन को तेज करने की जरूरत है।

3- दूसरी लहर से बाहर निकलने के लिए स्थायी समाधानों पर काम करना होगा। कोरोना के केस कम करने के लिए एक्टिव कंट्रोल प्लानिंग की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करके लोगों को आइसोलेट करने की जरूरत है। डिस्ट्रीक की लेबोरेट्ररी में सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।  

4- केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा, कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद भारत तीसरी लहर भी देखेगा। हमें तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरी लहर कब आएगी इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। लेकिन हमें खुद को इसके लिए तैयार रखना चाहिए। 

तीसरी लहर में बच्चे होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित

कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की जिक्र किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में युवाओं से ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे, क्योंकि तीसरी लहर तक अधिकतर युवाओं को वैक्सीन लग चुकी होगी। भारत में बच्चों को लगाने के लिए कोरोना की वैक्सीन नहीं बनी है। 

7 मई से शुरू होगा कोरोना का पीक प्वॉइंट

एक टीवी इंटरव्यू में प्रोफेसर एम विद्यासागर ने कहा कि भारत में 7 मई से कोरोना का पीक प्वॉइंट देखने को मिलेगा। 7 मई के बाद कोरोना के केस में गिरावट देखने को मिल सकती है।

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