'होली पर बाबूजी घर-परिवार नहीं, घृणा की दृष्टि से देखे जाने वाले के चरणों में लगाते थे गुलाल'

| Published : Oct 02 2019, 12:35 PM IST / Updated: Oct 02 2019, 12:39 PM IST

'होली पर बाबूजी घर-परिवार नहीं, घृणा की दृष्टि से देखे जाने वाले के चरणों में लगाते थे गुलाल'
'होली पर बाबूजी घर-परिवार नहीं, घृणा की दृष्टि से देखे जाने वाले के चरणों में लगाते थे गुलाल'
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