सार
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 10 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन पीपल में जल चढ़ाने और इसकी पूजा करने से शनि दोष में राहत मिलती है।
उज्जैन. ग्रंथों में बताया गया है कि अमावस्या पर पेड़-पौधे भी लगाने चाहिए। ऐसा करने से पितृ भी संतुष्ट होते हैं। क्योंकि अमावस्या पितरों की तिथि मानी गई है। ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर राशि अनुसार पेड़-पौधे लगाने से कई तरह के दोष खत्म हो जाते हैं और पुण्य मिलता है।
रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में पौधारोपण
10 जून, गुरुवार को अमावस्या तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष ग्रंथों के मुताबिक पेड़-पौधे लगाने के लिए रोहिणी नक्षत्र को शुभ माना जाता है। इसलिए शुभ वार और नक्षत्र के संयोग में पेड़-पौधे लगाना चाहिए। अग्निपुराण में पौधारोपण को एक पवित्र मांगलिक समारोह के रूप में बताया गया है। ग्रंथों में बताया गया है कि बहुत अच्छी मिट्टी और खाद के साथ शुभ मुहूर्त में पौधारोपण किया जाना चाहिए।
राशि अनुसार लगा सकते हैं ये पौधे…
1. मेष: आंवला, गुलहड़, खादिर, ढाक या खैर।
2. वृष : गुलहड़, जामुन, खैर या गूलर।
3. मिथुन : खैर, शीशम, बांस या अपामार्ग
4. कर्क : बांस, पीपल, नागकेसर और पलाश।
5. सिंह : बरगद, पलाश, पाकड़ और आंक।
6. कन्या : पाकड़, अपामार्ग रीठा, बेल और दुर्वा।
7. तुला : बेल, अर्जुन, कटैया, बकुल या गूलर।
8. वृश्चिक : कटैया, नीम, मौलश्री, चीर या खादिर।
9. धनु : पीपल, केला, शाल, अशोक या कटहल ।
10. मकर : शमी, किकर, आक या कटहल।
11. कुंभ : शमी, कुशा, कदंब या आम।
12. मीन : आम, पीपल, नीम, महुआ और कुश।
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