सार

कोरोना काल में जांच एजेंसियों के लिए आरोपितों को पकड़ना भी मुसीबतों को बुलावा देने जैसा हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक आरोपित को गिरफ्तार किया था, जो कोरोना पॉजिटिव निकला है।

लखनऊ( Uttar Pradesh). कोरोना काल में जांच एजेंसियों के लिए आरोपितों को पकड़ना भी मुसीबतों को बुलावा देने जैसा हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक आरोपित को गिरफ्तार किया था, जो कोरोना पॉजिटिव निकला है। ईडी ने उसे कोर्ट में भी पेश किया था। अब आरोपी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उससे पूछताछ करने वाली टीम को क्वारंटाइन किया गया है। वहीं जिस कोर्ट में आरोपी को पेश किया गया था उसे कोर्ट के जज को भी क्वारंटाइन किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय को सेनेटाइज करवाया जा रहा है।

ईडी ने एक दिन पूर्व आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के विरुद्ध दर्ज मामले में ऑडिटर अनिल कुमार मित्तल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोपित को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की थी। कोर्ट ने सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी, जिसके बाद आरोपित का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव निकला। इसकी जानकारी होने के बाद ईडी अधिकारियों के होश उड़ गए। आरोपित को केजीएमयू में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आरोपित से पूछताछ करने वाले ईडी अधिकारी सेल्फ क्वारंटाइन हो गए हैं। जबकि जिस कोर्ट में आरोपी को पेश किया था वहां के जज भी क्वारंटाइन किए गए हैं। 

फर्जी ऑडिट के मामले में हुई है गिरफ्तारी 
आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज के विरुद्ध दर्ज मामले में ऑडिटर अनिल कुमार मित्तल पर वर्ष 2008 से लेकर 2015 के बीच फर्जी ऑडिट कर बैलेंस शीट बनाने का आरोप है। इसी बैलेंस शीट के आधार पर आम्रपाली ग्रुप को बैंकों से बड़े कर्ज मिले थे। इसी मामले में ईडी ने मंगलवार को अनिल मित्तल को गिरफ्तार कर लिया, और पूछताछ के लिए रिमांड मांगी गई।

साढे़ छह हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप 
आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर निवेशकों के करीब साढे़ छह हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। इस अपराध में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की भी मिलीभगत का मामला उजागर हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही इस मामले की जांच में जुटा हुआ है। आम्रपाली ग्रुप में नोएडा में लगभग 18 मामले दर्ज हैं। पिछले साल जुलाई महीने में कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।