सार

चुनावी मैदान में जुबानी जंग तो बहुत आम है। चुनाव आते ही सभी नेता कार्यकर्ता एक दूसरे पर निशाना साधने लगते हैं। अखिलेश यादव का बयान की आखिरी वक्त में लोग काशी जाते हैं उन पर काफी भारी पड़ गया है। हर तरफ होती आलोचना को देख पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा वो तो सिर्फ सरकार की बात कर रहे थे। प्रधानमंत्री की लंबी उम्र की वो कामना करते हैं।
 

सैफई: उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 (Uttar Pradesh Vidhan Sabha 2022) आने ही वाला है। सभी दल अपने अपने कामों को जनता को दिखा रहे हैं। साथ ही जुबानी जंग भी छिड़ी हुई है। इन्हीं सब में एसपी (SP) सुप्रीमो ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण (Launching) करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग अपने आखिरी समय में ही काशी जाते हैं। जिसके चलते अखिलेश को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) ने सोमवार को सैफई (इटावा) में पत्रकारों (Reporters) से बातचीत की। साथ ही उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका आशय योगी मोदी की सत्ता से था। वो प्रधानमंत्री की लंबी उम्र की कामना करते हैं।

क्या था विवादित बयान
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को इटावा में मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे पर उन्होंने कहा कि मोदी तीन महीने तक बनारस में ही रहें तो अच्छा है। काशी अच्छी जगह है। तंज कसते हुए बोले कि आखिरी समय में काशी में रहने की परंपरा है। 

भाजपा के निशाने पर अखिलेश
इसके बाद अखिलेश यादव भाजपा के निशाने पर आ गए और इसे शर्मनाक बयान बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantradev Singh) ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को काशी का कायाकल्प पच नहीं रहा है। बाबा विश्वनाथ अखिलेश को सद्बुद्धि दें। अखिलेश के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए स्तवंत्रदेव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर ओछी प्रतिक्रिया दी है। वह दिखाती है कि भारतीय संस्कृति का बढ़ता गौरव उनको पच नहीं रहा। काशी के कायाकल्प और भारतीय संस्कृति के गौरव की टीस अखिलेश के मन में बनी हई है।