सार
राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। उनकी सजा का ऐलान 23 मार्च को होगा। अक्षय प्रताप को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस मामले में दोषी करार दिया गया है। जिसके बाद उनकी सजा का ऐलान 23 मार्च को किया जाएगा।
प्रतापगढ़: रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल जी (Akshay Pratap Singh Gopal Ji) को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने का कारण है कि उनको एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया जाना है। इसी के साथ उनकी सजा के ऐलान के लिए 23 मार्च की तारीख मुकर्रर की गई है।
एमपी एमएलए कोर्ट ने एमएलसी अक्षय प्रताप को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में दोषी करार दिया है। वह सजा के ऐलान के लिए ही कोर्ट में हाजिर हुए थे। हालांकि सजा के ऐलान से एक दिन पहले उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। एमएलसी चुनाव से ऐन वक्त पहले इस मामले को अक्षय प्रताप के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। यदि अक्षय प्रताप को दो वर्ष से अधिक की सजा होती है तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि यदि उन्हें दो वर्ष से कम सजा होती है तो वह चुनाव लड़ सकते हैं।
समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके हैं गोपालजी
अक्षय प्रताप गोपाल जी प्रतापगढ़ जिले से सांसद रह चुके हैं। वह वर्ष 2004 से लेकर 2009 तक सांसद थे। ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के बीच उनकी पैठ काफी गहरी है। इसी के चलते निवर्तमान एमएलसी को इस बार भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि ऐन वक्त पहले आए इस मोड़ के बाद अब गोपालजी के समर्थकों को बड़ा झटका लगा है।
1997 में सामने आया था फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला
फर्जी पते पर लाइसेंस लेने का यह मामला 1997 में सामने आया था। तत्कालीन कोतवाली डीपी शुक्ला की ओर से इस मामले में अक्षय प्रताप पर मुकदमा दर्ज करवाया गया था। जिसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने उन्हें एक दिन के लिए जेल भेजकर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पत्नी ने भी किया है नामांकन
अक्षय प्रताप सिंह एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन कर चुके हैं। हालांकि तमाम संकट और कयासों के बीच उनकी पत्नी मधुरिमा ने भी इसके लिए नामांकन कर दिया है। बीते दिनों ही उनकी पत्नी की ओर से नामांकन दाखिल किया गया है। जिसके बाद अब माना जा रहा है कि अक्षय प्रताप सिंह का सियासी भविष्य कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
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