सार

पूर्व सांसद संत डॉ रामविलास वेदांती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ये बिलकुल स्पष्ट है अयोध्या में कभी किसी कीमत पर कोई भी बाबर नाम का व्यक्ति नहीं आया। अयोध्या में बाबर के नाम पर कोई गली-मुहल्ला, घाट, गांव कुछ भी नही था आखिर फिर बाबर के नाम पर बाबरी मस्जिद कैसे?

अयोध्या(Uttar Pradesh). अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे समतलीकरण के दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कई पुरातात्विक मूर्तियां, खंभे और शिवलिंग मिले हैं । ये पुरातात्विक चीजें मिलने के बाद संत समाज में काफी उत्साह और खुशी है। लम्बे समय से रामजन्मभूमि विवाद से जुड़े रहे पूर्व सांसद व संत डॉ रामविलास वेदांती ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। वेदांती ने कहा है कि पहले वहां पुरातत्व विभाग से संबंधित राम जन्मभूमि के चिन्ह चक्र, शंख, गदा, त्रिशूल, स्वास्तिक के चिन्ह, 'ॐ' ,मृत कलश, सारी मंदिर की आकृति के बनावट के पत्थर मिले थे। उन पत्थरों को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के लोगों ने यह कहकर नकार दिया कि विश्व हिंदू परिषद वालों ने रख दिया है। अब जब खुदाई प्रारंभ हो गई है और खुदाई में जो अवशेष मिल रहे हैं अब उनको तो विश्व हिंदू परिषद गाड़ नहीं रही है और ना ही विश्व हिंदू परिषद उखाड़ रही है। अब वास्तविकता सामने आ रही है इसे लोगों को बहुत पहले ही मान लेना चाहिए था।  

पूर्व सांसद संत डॉ रामविलास वेदांती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ये बिलकुल स्पष्ट है अयोध्या में कभी किसी कीमत पर कोई भी बाबर नाम का व्यक्ति नहीं आया। अयोध्या में बाबर के नाम पर कोई गली-मुहल्ला, घाट, गांव कुछ भी नही था आखिर फिर बाबर के नाम पर बाबरी मस्जिद कैसे? इसीलिए मैंने हाईकोर्ट की गवाही में कहा था कि वहां पर मस्जिद नाम की कोई चीज नहीं है। वहां रामलला विराजमान है। उन्होंने कहा कि खंडहर कभी भी टूट कर गिर सकता है इसलिए हमने सितंबर 1992 को कारसेवकों को बुलाकर ढांचे को तुड़वाने की जिम्मेदारी हमने अपने ऊपर ली थी। आज दुनिया के सामने सारे मुसलमानों से निवेदन करना चाहूंगा कि इसको देख ले और देख कर के दुनिया के मुसलमानों को बता दें कि इस्लाम का कोई चिन्ह मिला ही नहीं और ना ही मस्जिद का कोई चिन्ह मिला है। वहां तो बस भगवान श्री राम के चिन्ह मिले हैं।  

अवशेष मिलने से सारी चीजें हो गईं स्पष्ट 
डॉ वेदांती ने कहा कि समतलीकरण के दौरान मंदिर के चिन्ह मिले हैं, पुरातत्व विभाग ने भी इसको देखा है. हम सब लोगों ने उसको देखा है। मंदिर से जुड़े अवशेष रामजन्मभूमि परिसर में ही वहीं खुदाई में मिले हैं। मैं संपूर्ण विश्व के मुसलमानों से निवेदन करना चाहूंगा कि अब इस संबंध में किसी प्रकार का कोई विवाद रही नहीं गया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के जजों ने पहले ही दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है।  

विहिप, पीएम और होम मिनिस्टर को धन्यवाद 
पूर्व सांसद डॉ राम विलास वेदांती ने कहा कि मैं पुरातत्व विभाग से लेकर विश्व हिंदू परिषद, भारत के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नया ट्रस्ट बनाकर भव्य रामलला के मंदिर के निर्माण की योजना को प्रारंभ कर दिया है। बता दें कि खुदाई के दौरान भारी संख्या में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों के अतिरिक्त 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 6 रेड सैंडस्टोन के स्तम्भ सहित 4 फीट से बड़ा एक शिवलिंग भी मिला है।