सार
यूपी की अयोध्या नगरी रामलला मंदिर में 13 दरवाजे से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की फर्स्ट फ्लोर में 13 दरवाजे लगेंगे और रामलला के गर्भगृह में एक बड़ा दरवाजा लगेगा यानी कुल 14 दरवाजे लगने हैं।
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में मंदिर निर्माण के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं सहित कई अन्य प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या विकास समिति के अधिकारियों से राममंदिर के अनुरूप अयोध्या के विकास का खाका भी खिंचा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की फर्स्ट फ्लोर में 13 दरवाजे लगेंगे और रामलला के गर्भगृह में एक बड़ा दरवाजा लगेगा यानी कुल 14 दरवाजे लगने हैं। यह दरवाजे किस डिजाइन के होंगे और किस चीज के बनाए जाएंगे इस पर चिंतन ट्रस्ट ने शुरू कर दिया है।
गर्भगृह निर्माण में लगाए जा चुके 45 तराशे पत्थर
डॉ अनिल मिश्रा ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति को समझाते हुए बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा मंदिर के गर्भ गृह की शुरुआत करने के बाद अब तक 45 तराशे गए पत्थर लगाए जा चुके हैं । तो वहीं दूसरी तरफ रिटेनिंग वॉल तीन दिशाओं में दक्षिण में आधी दूर पश्चिम में पूरा उत्तर की तरफ आधा निर्माण कार्य 6 मीटर ऊंचाई तक हो चुका है। उन्होंने कहा मंदिर की नींव होने के बाद जो प्लिंथ का निर्माण चल रहा है उसमें 17000 ग्रेनाइट के ब्लॉक लगाए जाने हैं। जिसमें 10500 ब्लॉक आ चुके हैं और 7100 ब्लॉक लग चुके हैं। उन्होंने बताया प्रतिदिन 160 ब्लॉक फर्श में लगाए जा रहे हैं ।इसका निर्माण अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया राम जन्मभूमि का पूरा परिसर रामायण कालीन दृश्य से सुशोभित हो इसके लिए भी लैंडस्कैपिंग का कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा।
चेक बाउंस होना सामान्य प्रक्रिया, अब तक आए 3500 करोड़
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण तेज गति से आगे बढ़ता जा रहा है। बैठकों के माध्यम से काम की प्रगति खर्च सहित कई विषयों पर चर्चा की गई है। उन्होंने बताया मंदिर निर्माण बहुत ही व्यवस्थित रूप से चल रहा है। 22 करोड़ रुपए के चेक बाउंस मामले में उन्होंने सफाई देते हुए बताया मंदिर निर्माण में सहयोग राशि भेजने वालों की भावना गलत नहीं होगी। कभी-कभी टाइम बाउंड, हस्ताक्षर ना करना, डेट गलत लिखना, शब्दों को रिपीट कर देना जैसे चीजों से चेक बाउंस हो जाते हैं। उन्होंने बताया इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। इतने बड़े काम में इस तरीके की घटनाएं सामान्य है। चेक बाउंस होने में सहयोग राशि देने वालों की दुर्भावना नहीं होती है। वह स्वेच्छा से दान देते है। उन्होंने बताया ₹3500 करोड़ रुपए मंदिर निर्माण में आ चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने चेक बाउंस मामले को पूरी तरह से सिरे से खारिज करते हुए बताया चेक बाउंस की सूचना अभी उनके पास नहीं है।
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