सार

बदमाशों की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच सहित कई थानों की फोर्स लगाई गई है। एसएसपी शैलेश पांडेय ने घटनास्थल का जायजा लिया और बदमाशों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया है। हैदरगंज के कटौना गांव में वर्ष 2020 में हुए आशीष वर्मा हत्याकांड में मृतक के पिता शेर बहादुर को सरकारी गनर के रूप में एक आरक्षी मिला है। 

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में एक तरफ सरकार बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। वहीं बदमाश खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। शुक्रवार को असलहों से लैश बदमाशों ने एक आरक्षी से उसकी राइफल और बाइक लूट ली। बदमाशों के आतंक से आरक्षी उनका विरोध करना तो दूर मदद के लिए किसी को आवाज देने की भी हिम्मत नहीं जुटा सका। सूचना पाकर सक्रिय हुई पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से आरक्षी का लूटा गया असलहा एक जंगल से बरामद कर लिया है लेकिन बाइक का अभी पता नहीं चल सका है। 

बदमाशों की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच सहित कई थानों की फोर्स लगाई गई
बदमाशों की तलाश के लिए क्राइम ब्रांच सहित कई थानों की फोर्स लगाई गई है। एसएसपी शैलेश पांडेय ने घटनास्थल का जायजा लिया और बदमाशों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया है। हैदरगंज के कटौना गांव में वर्ष 2020 में हुए आशीष वर्मा हत्याकांड में मृतक के पिता शेर बहादुर को सरकारी गनर के रूप में एक आरक्षी मिला है। उनकी सुरक्षा में तैनात गनर भाष्कर शुक्रवार को बाइक से हैदरगंज जा रहा था। रास्ते में तारुन-हैदरगंज मार्ग पर बाइक पर सवार हो कर पहुंचे तीन नकाबपोशों ने आरक्षी को रोक लिया। उनकी कनपटी पर असलहा सटाकर बाइक व राइफल लूट ली और भाग निकले। मुंह पर गमछा बंधा होने की वजह से आरक्षी बदमाशों को पहचान नहीं सका।

सीसीटीवी कैमरे खंगालने में जुटी पुलिस
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। परसा गांव निवासी रणविजय उपाध्याय ने पुलिस को उनके बाग में राइफल पड़ी होने की सूचना दी। बाग में महुआ बीन रहे कुछ बच्चों ने रणविजय को राइफल की सूचना दी थी। 

बदमाशों की तलाश में पुलिस ने बिशुन बाबा जंगल, तिवारी का पुरवा, पांडे का पुरवा, मयंनदीपुर आदि स्थानों एवं जंगलों में काबिंग की है, लेकिन उनका पता नहीं चल सका है। कांबिंग अभी जारी है। जाना बाजार, हैदरगंज में कई दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को भी पुलिस खंगालने में जुटी है। सुल्तानपुर व अंबेडकरनगर सहित आसपास के जिलों की पुलिस से भी मदद ली जा रही है।

ब्रजेश पाठक की फटकार के बाद भी जंजीरों में कैद हैं सुविधाएं, नई व्हील चेयर और स्ट्रेचर का नहीं हो रहा इस्तेमाल