सार

सपा सांसद आजम खान, उनकी पत्नी विधायक तंजीन फातिमा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को गुरुवार को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले बुधवार को रामपुर कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सुनवाई करते हुए आजम, उनकी पत्नी और बेटे को 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

रामपुर (Uttar Pradesh). सपा सांसद आजम खान, उनकी पत्नी विधायक तंजीन फातिमा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को गुरुवार को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले बुधवार को रामपुर कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सुनवाई करते हुए आजम, उनकी पत्नी और बेटे को 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 

कुछ इस तरह जेल में गुजरी आजम की पहली रात
आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर जेल में बैरक नंबर एक में रखा गया था। जबकि, पत्नी तंजीन महिला बैरक में थीं। रात करीब 11 बजे तीनों लोगों ने अरहर की दाल, आलू व पत्ता गोभी की सब्जी और रोटी खाई। उसके बाद दवा खाकर अपने-अपने बिस्तर पर लेट गए। जानकारी के मुताबिक, आजम और उनकी पत्नी बिस्तर पर बिस्तर पर करवट बदलते रहे। दोनों की नींद गायब थी। आजम की आवाज काफी मध्यम पड़ चुकी थी। रात करीब 3 बजे जेल प्रशासन ने उन्हें उठाया और पत्नी बेटे के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया।

जब आजम के लिए खोलना पड़ा जेल का बड़ा गेट
कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार शाम करीब चार बजे जिला अदालत से आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा व बेटे अब्दुल्ला को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल लाया गया। यहां आजम के समर्थकों की काफी भीड़ थी। गाड़ी से उतरने के बाद आजम ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया। नियम है कि जेल लाए गए आरोपी को छोटे गेट से झुककर अंदर जाना होता है। लेकिन आजम ने कर्मचारी से कहा- गेट खोलो। जेल का पूरा गेट खुलने पर वो अंदर गए। 

जेल जाने से पहले आजम ने कही ये बात
सीतापुर जेल के बाहर मौजूद समर्थक और मीडिया से आजम ने कहा- इस समय क्या हो रहा है, यह पूरा देश जानता है। हम क्या कहें?  

इस नेता की वजह से जेल गए आजम खान 
अब्दुल्ला आजम के जन्म के 2 प्रमाणपत्र होने के मामले में बीजेपी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी, 2019 को आजम, उनकी पत्नी फात्मा और अब्दुल्ला के खिलाफ गंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव में नामांकन के समय अब्दुल्ला की आयु 25 साल नहीं थी। उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। आरोप सही पाए जाने पर स्वार सीट से अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। जिसकी अप्रैल 2019 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।