सार
बरेली जनपद में गैंगस्टर पर आबकारी विभाग की मेहरबानी सामने आई है। यहां गैंगस्टर की मां को विभाग की ओर से नियमों को ताक पर रख लाइसेंस दे दिया गया।
बरेली: अभी गैंगस्टर को शराब लाइसेंस दिए जाने का मामला शांत नहीं हो पाया था कि एक बार फिर से आबकारी विभाग घिरता नजर आ रहा है। यह शराब तस्करी में फंसे एक आरोपित जिस पर कई मुकदमे दर्ज हैं उस पर विभाग की मेहरबानी सामने आई है। यहां आबकारी विभाग की मिलीभगत से आरोपित मां के नाम पर पुनः शराब लाइसेंस लेने में कामयाब हो गया। यहां तीन साल से दुकान पर मिलावटी शराब खपाई जा रही थी लेकिन आबकारी विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। यह खेल आगे भी ऐसे ही जारी रहता अगर बारादरी पुलिस के हत्थे दो तस्कर न चढ़ जाते। फिलहाल मामले के सामने आने के साथ ही बारादरी पुलिस आरोपित की तलाश में जुट गई है।
आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
बारादरी पुलिस ने मिलावती शराब के साथ में आरोपित धर्मेंद्र निवासी सहशिया हुसैनपुर सीबीगंज व देव मिश्रा निवासी शांति विहार को गिरफ्तार किया। यह दोनों ही रिश्ते में जीजा साले लगते हैं। गिरफ्तार आरोपितों के पास से मिलावटी शराब के साथ में क्वार्टर पैक करने के उपकरण, बारकोड, ढक्कन आदि बरामद किए हैं। मौके पर मौजूद आरोपितों ने स्वीकार किया है कि राजेंद्रनगर जनकपुरी निवासी रजनीश ने दोनों को शराब के अवैध कारोबार में उतारा था। वह ही तमाम चीजों को उपलब्ध करवाता था। इस बीच तैयार माल को खरीदने के साथ ही देशी शराब के ठेके पर बेचा जाता था।
सरकारी ठेके पर खपाई जा रही थी शराब
टीम की ओर से इस मामले में छानबीन उस दौरान की गई जब सरकारी ठेके पर मिलावटी शराब खपाने का मामला सामने आया। इसके बाद गुरुवार को आबकारी अफसर दौड़ पड़े। बहेड़ी आबकारी इस्पेक्टर अनीता मरतोलिया टीम के साथ दुकान पर पहुंची। जांच में पता लगा कि लाइसेंसधारी गिरिजा श्रीवास्तव रजनीश की मां हैं। इसके बाद जब मौके पर जाकर जांच की गई तो वहां से भी कुछ ऐसा प्रकरण सामने आया।
जानिए कैसे जारी होता है शराब लाइसेंस
अबकारी विभाग के मुताबिक परिवार की परिभाषा में माता-पिता, व्यक्ति स्वंय, उसकी पत्नी और बच्चे आते हैं। शराब लाइसेंस लेने वाले आवेदक को खुद के कैरेक्टर सर्टिफिकेट के सा ही परिवार का नैतिक चरित्र अच्छा होने के बारे में भी जानकारी देनी होती है। इसको लेकर 14 दिसंबर 2020 को शासन की ओर से निर्देश भी जारी हुआ था। हालांकि कैरेक्टर सार्टिफिकेट में रजनीश के आपराधिक इतिहास को छुपाया गया।
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