सार

अयोध्या के दुर्ग को बचाने में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी कामयाब हो गई। लेकिन 2 सीटों पर समाजवादी पार्टी सपा सेंधमारी करने में कामयाब हो गई। अयोध्या सदर में इस बार वोटरों ने 2017 के चुनाव की तुलना में बेरुखी दिखाई थी। 

अनुराग शुक्ला
अयोध्या:
एक बार फिर अयोध्या के दुर्ग को बचाने में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी कामयाब हो गई। लेकिन 2 सीटों पर समाजवादी पार्टी सपा सेंधमारी करने में कामयाब हो गई। अयोध्या सदर में इस बार वोटरों ने 2017 के चुनाव की तुलना में बेरुखी दिखाई थी। रुदौली में 2017 के विधानसभा चुनाव में 62.43 फ़ीसदी वोट लोगों ने डाले थे लेकिन इस बार यह आंकड़ा 61.26 फीसदी था। वहीं दूसरी तरफ गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत में इस बार बढ़त  थी। मिल्कीपुर में 2 फीसदी का उछाल आया था। बीकापुर में पिछली बार की तुलना में ज्यादा वोट पड़े थे। लोगों का मानना था वोटिंग घटनें और बढ़ने का सीधा प्रभाव अप्रत्याशित परिणाम में दिखेगा जो हुआ भी।

भाजपा प्रत्याशी ज्यादा मतों से जीते 
राम मंदिर आंदोलन के दौर से खासतौर से अयोध्या सदर सीट बीजेपी की प्रतिष्ठा बन चुकी है।  1991 के बाद के बाद केवल 2012 में सपा ने इस सीट पर कब्जा किया । इस बार एक बार फिर बीजेपी ने जीत कर देश को यह बता दिया कि अयोध्या में सिर्फ बीजेपी का सिक्का चलता है।  2017 के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता ने यहां से सपा के प्रत्याशी तेज नारायण पांडे को हराकर 51000 मतों से विजय हासिल की थी लेकिन इस बार तेज नारायण पांडे हार कर भी बीजेपी के घर में सेंधमारी पूरी तरह से की। इस बार वेद प्रकाश गुप्ता पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार लगभग 30,000 कम वोट से जीते। वहीं दूसरी तरफ रुदौली से भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र यादव ने सपा के आनंद सेन को 35000 वोटों से शिकस्त दी। बीकापुर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी अमित सिंह चौहान सपा के प्रतिद्वंदी फिरोज खान गब्बर को लगभग 7000 वोटों  से हरा दिया।

अयोध्या विधानसभा की 2 सीट पर सपा ने किया कब्जा
गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र में दो बाहुबलियों की सीधी लड़ाई थी। सपा के अभय सिंह और बीजेपी से खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी मैदान में थी। बाहुबली नेता अभय सिंह ने आरती तिवारी को लगभग 12 हजार से अधिक मतों से हरा दिया। वहीं दूसरी तरफ मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को लगभग 12500 से अधिक मतों से शिकस्त दी। यह दोनों सीटें बीजेपी के हाथ से इस बार निकल गई।