सार

यूपी के बिजनौर में बीते 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान दो युवक सुलेमान और अनस की जान चली गई थी। सुलेमान के भाई शोएब ने आरोप लगाया कि उसके भाई की मौत पुलिस की गोली से हुई।

बिजनौर (Uttar Pradesh). यूपी के बिजनौर में बीते 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान दो युवक सुलेमान और अनस की जान चली गई थी। सुलेमान के भाई शोएब ने आरोप लगाया कि उसके भाई की मौत पुलिस की गोली से हुई। मामले में नहटौर के पूर्व थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दरोगा आशीष तोमर, सिपाही मोहित कुमार समेत 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कराया गया है। वहीं, पुलिस पहले ही दावा कर चुकी है उनकी तरफ से आत्मरक्षा में फायर किया गया। 

यूपीएससी की तैयारी कर रहा था सुलेमान  
सुलेमान के मामा अनवार ने बताया, 20 दिसंबर को सब जुमे की नमाज पढ़कर निकले थे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। भगदड़ मची और गोली चला दी। सुलेमान गोली की चपेट में आ गया। उसकी वहीं मौत हो गई। वो यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। बता दें, नागरिकता कानून के खिलाफ बिजनौर में भड़की हिंसा मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच होगी। डीएम रमाकांत पांडेय ने बताया, हिंसा में हुए नुकसान व सार्वजनिक संपत्तियों की तोड़फोड़ में शामिल 43 लोगों को करीब 15 लाख की क्षतिपूर्ति के रिकवरी का नोटिस जारी किया है।

22 दिसंबर को प्रियंका ने की सुलेमान के परिवार से मुलाकात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंसा के दो दिन बाद यानी 22 दिसंबर को बिजनौर जाकर सुलेमान व अनस के परिजनों से मुलाकात की थी। इस दौरान प्रियंका ने मांग की थी कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा था, किसी को भारतीयता का सबूत मांगने का अधिकार नहीं है। मोदी सरकार को नागरिकता कानून को वापस लेना चाहिए।