सार

बीजेपी सरकार एक बार फिर प्रदेश की कमान हाथ से निकल ना जाए, इसलिए फूंक- फूंककर कदम रख रही है। जीत निश्चित करने के लिए भाजपा जीते हुए प्रत्याशियों के भी टिकट काट रही है। बुधवार को चौरी चौरा की विधायक संगीता यादव का भी टिकट पार्टी ने काट दिया। बीजेपी ने संगीता यादव की जगह निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद  को प्रत्याशी घोषित किया है।

अनुराग पाण्डेय

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर जिले में चुनाव रोमांचक होता जा रहा है। सत्ता का सुख उठा चुकी बीजेपी (BJP) सरकार एक बार फिर प्रदेश की कमान हाथ से निकल ना जाए, इसलिए फूंक-फूंककर कदम रख रही है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण गोरखपुर (Gorakhpur) में देखने को मिल रहा है। जीत निश्चित करने के लिए भाजपा जीते हुए प्रत्याशियों के भी टिकट काट रही है। बुधवार को चौरी चौरा की विधायक संगीता यादव का भी टिकट पार्टी ने काट दिया। बीजेपी ने संगीता यादव की जगह निषाद पार्टी (Nishad Party) के मुखिया संजय निषाद (Sanjay Nishad) के बेटे सरवन निषाद (Sarvan Nishad) को प्रत्याशी घोषित किया है। ये बता दें कि अब तक गोरखपुर से चार विधायकों के टिकट पार्टी ने काटकर नए चेहरे पर दांव लगाया है।

वहीं सूत्रों की मानें तो निषाद पार्टी गोरखपुर ग्रामीण सीट से टिकट मांग रही थी। जबकि ग्रामीण सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के करीबी विपिन सिंह बीजेपी के विधायक हैं। ग्रामीण सीट से विपिन सिंह का टिकट बचाने के लिए ही चौरी चौरा की विधायक संगीता यादव का टिकट काटकर निषाद पार्टी के सरवन निषाद को दिया गया है। हालाकि निषाद पार्टी को संतुष्ट करने के लिए भाजपा ने ये कदम जरूर उठाया है लेकिन ग्रामीण के निषाद वोटर जिनकी सबसे अधिक संख्या है, वे इस निर्णय से खुश नहीं हैं।

सरवन को मिला टिकट विपिन को मिली बधाईयां
जैसे ही गोरखपुर ग्रामीण सीट की मांग कर रहे सरवन निषाद को भाजपा ने चौरी चौरा सीट से टिकट फाइनल किया। इसकी खबर मिलते ही ​विधायक विपिन सिंह के समर्थक खुशियां मनाने लगे। एक दूसरे को गले मिलकर और सोशल मीडिया पर विपिन सिंह की फोटो लगाकर बधाईयां देने लेगे। जबकि अभी भाजपा ने ग्रामीण सीट से टिकट फाइनल नहीं किया है।

बीजेपी के सिंबल पर लड़ेंगे सरवन
सरवन ​इस सीट से बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। इस सीट के लिए अड़ी निषाद पार्टी अचानक बैकफुट पर आकर चौरी चौरा चली गई। ये बात अभी किसी को भी हजम नहीं हो रही है।

चौरी चौरा में डॉ. संजय का फूंका पुतला
उधर, चौरी चौरा सीट पर नेता ईश्वर चंद जायसवाल ने टिकट के लिए आवेदन किया था। वे लगातार क्षेत्र में कैंपेन भी कर रहे थे। सरवन निषाद को टिकट मिलने के बाद चौरी चौरा के निषाद पार्टी के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। सबसे पहले उन्होंने इसके विरोध में पार्टी कार्यालय पर ही हंगामा शुरू कर दिया और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद ईश्वर चंद जायसवाल के समर्थकों ने डॉ. संजय निषाद का पुतला फूंका। विरोध में कार्यकर्ताओं ने निषाद पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सरवन निषाद को टिकट मिलने को लेकर गोरखपुर शहर से चौरी चौरा तक माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका है।

6 सीटों में ही सिमट गई निषाद पार्टी
देर शाम निषाद पार्टी ने 6 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। जिसमें गोरखपुर की चौरी चौरा सीट समेत हंडिया से प्रशांत सिंह राहुल, करछना से पियुष रंजन निषाद, सैदपुर से सुबाष पासी, मेंहदावल से अनिल कुमार त्रिपाठी और सुल्तानपुर सदर से राजप्रसाद उपाध्याय उर्फ राजा बाबू को निषाद पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यानी कि निषाद वोट बैंक की राजनीति कर ​अस्तित्व में आई निषाद पार्टी ने कुल 6 सीटों में सिर्फ दो निषाद उम्मीदवारों को ही टिकट देना जरूरी समझा है।

ताकि योगी के गढ़ में मजबूत ना हो निषाद पार्टी
वहीं राजनीतिक पंडितों ने इसके पीछे की असल वजह कुछ और बताई है। कहा जा रहा है कि अगर ​ग्रामीण सीट निषाद पार्टी के खाते में जाती तो अब तक गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में बीजेपी सिमटी हुई नजर आने लगती। क्योंकि गोरखपुर सदर और बांसगांव दोनों जगह बीजेपी के ही सांसद है। ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि उसके गढ़ में निषाद पार्टी ज्यादा मजबूत हो सके।