सार

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। गाजियाबाद की डीएम रही निधि केसरवानी को सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 

लखनऊ: ईस्टर्न पेरफिरल एक्सप्रेस वे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के भूमि अधिग्रहण में हुए घोटले को लेकर बुधवार को बड़ी कार्रवाई सामने आई। मामले में जीरो टालरेंस की नीति के तहत ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी पर गाज गिरा दी। पूर्व जिलाधिकारी निधि केसरवानी को मामले में निलंबित कर दिया गया है। इसी के साथ ही मामले में नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी को भी निलंबित करने का आदेश दिया गया है। उन पर जांच आख्या उपलब्ध होने के बावजूद अग्रिम कार्यवाही में विलंब करने का आरोप लगा है। इस मामले में अनुसचिव पर भी कार्रवाई होगी। यह जानकारी सीएम ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से साझा की गई है। 

भारत सरकार को भी लिखा गया पत्र 
आपको बता दें कि आईएएस निधि केसरवानी वर्तमान समय में केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनात है। उन पर भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी का आरोप लगा है। निधि केसरवानी 21 जुलाई 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनी थी। मामले में अब निधि केसरवानी के खिलाफ कार्रवाई केंद्र सरकार को करनी है। यूपी में उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू होने के साथ ही भारत सरकार को भी इसके लिए पत्र लिखा गया है। मामले में यूपी सरकार ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं। 

सरकार को कई गुना रेट पर बेंची गई जमीन 
मामले में आरोप है कि अधिकारियों ने शुरुआत में किसानों से सस्ते रेट पर जमीन को खरीद लिया। इसके बाद वह अपने रिश्तेदारों को खरीदवाकर उसे सरकार को कई गुना रेट पर बिकवाया गया। इस पूरे मामले में मेरठ मंडल के पूर्व आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने गाजियाबाद की तत्कालीन डीएम विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी समेत कई अधिकारियों को दोषी पाया है। 

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