सार
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने शनिवार को मुजफ्फरनगर में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में मारे गए नूर मोहम्मद के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, इस परिवार की कहानी बहुत दर्दनांक है। नूर की पत्नी 22 साल की है, जोकि सात महीन की प्रेग्नेंट है। उसकी डेढ़ साल की एक बेटी भी है। वह पूरी तरह से अकेली हो गई है।
मुजफ्फरनगर (Uttar Pradesh). कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने शनिवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में शिकार हुए लोगों और उनके परिजनों से मुलाकात की। प्रियंका सबसे पहले मुजफ्फरनगर गईं, जहां उन्होंने हिंसा के दौरान मारे गए नूर मोहम्मद के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद वो मेरठ के परतापुर में पीड़ितों से मिलीं। बता दें, कुछ दिन पहले भी प्रियंका ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मेरठ जाने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने दोनों को उल्टे पांव वापस भेज दिया था।
बहुत दर्दनाक है इस परिवार की कहानी
नूर मोहम्मद की पत्नी से मिलने के बाद प्रियंका ने कहा, इस परिवार की कहानी बहुत दर्दनांक है। नूर की पत्नी 22 साल की है, जोकि सात महीन की प्रेग्नेंट है। उसकी डेढ़ साल की एक बेटी भी है। वह पूरी तरह से अकेली हो गई है। कांग्रेस उनकी हर संभव मदद करेगी। पुलिस की इस अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस हमेशा लड़ाई लड़ती रहेगी। इस दौरान प्रियंका के साथ कांग्रेस नेता इमरान मसूद और पूर्व विधायक पंकज मलिक भी मौजूद थे। इससे पहले प्रियंका ने मुजफ्फरनगर में मौलाना असद मोहम्मद से मिल हिंसा को लेकर पूरी जानकारी ली।
कांग्रेस मुआवजा दिलाने की करेगी कोशिश
प्रियंका ने नूर मोहम्मद के परिवार को आश्वासन दिलाया है कि कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि परिवार को मुआवाजा दिलाया जाए। उन्होंने कहा, हमने पहले ही राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया है। जिसमें बताया गया है कि पुलिस ने किस तरह प्रदर्शन के दौरान ज्यादती की थी। हम लगातार लोगों की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरेंगे। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
प्रदर्शन में एक शख्स की हो गई थी मौत
बता दें, 20 दिसंबर 2019 को मुजफ्फरनगर में हुए उपद्रव में नूर मोहम्मद की मौत हो गई थी। शहर के मीनाक्षी चौक के पास उग्र भीड़ ने प्रदर्शन कर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इस दौरान पांच बाइक और स्कूटी के अलावा दर्जनों वाहन में आग लगा दी गई थी। अस्थायी पुलिस चौकी भी फूंक दी गई। गोलीबारी में तीन लोग घायल हुए थे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया था। यूपी में हुई हिंसा में कुल 21 लोगों की मौत हुई। जिसमें सबसे ज्यादा मेरठ में 6 लोगों की मौत हुई।
वोट के लिए देश को बांटना चाहती हैं कांग्रेस-सपा
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा- नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों को एक पार्टी पेंशन देने की बात कह रही है तो दूसरी पार्टी कानूनी सहायता की। इनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। कांग्रेस और सपा वोट के लिए देश को बांटना चाहती हैं।
सपा ने कहा, कांग्रेस तो सुविधाभोगी पार्टी रही है
यूपी विधानसभा में सपा नेता राम गोबिंद चौधरी ने कहा, कांग्रेस का सीएए को लेकर हुए प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं था। उनके नेता क्यों गिरफ्तार लोगों और उनके परिजन से मुलाकात कर मदद की पेशकश कर रहे हैं? लोकतंत्र बचाने के लिए सपा ही सड़कों पर उतरती है। कांग्रेस तो सुविधाभोगी पार्टी रही है।
कोटा नहीं जाने पर प्रियंका पर हुए चौतरफा हमले
वहीं, राजस्थान के कोटा में 100 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत के बाद बावजूद वहां नहीं पहुंचने पर मायावती सहित बीजेपी के नेताओं ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था। वाराणसी में हिंदूवादी संगठन के नेता ने पोस्टर लगवाकर पूछा, कोटा से दूरी आखिर क्या है मजबूरी, बनारस की जनता पूछे सवाल बच्चों की जान पर चुप क्यों हैं प्रियंका।