सार

उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ चल रहे चुनावी रैलियों पर भी विराम लगा दिया गया। ऐसे में बिना रैलियों के चुनावी तैयारियों को एक मुकाम तक ले जाना उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में सपा, बसपा, बीजेपी और कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दल चुनाव आयोग के इस फैसले को किस नजरिए से लेते हैं व रैली के अलावा अपने चुनावी तैयारियों को जोर देने के लिए किस तरह की योजना बना रहे हैं, यह जानना बेहद महत्वपूर्ण होगा। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Covid 19) के बीच विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) को लेकर बिगुल बज चुका है। शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेसवार्ता करते हुए चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया। जारी सूची के अनुसार, उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। जिसके चलते 10 फरवरी को पहले दौर का मतदान शुरू होगा। इसके बाद 14 फरवरी को दूसरे, 20 फरवरी को तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी पांचवें, 3 मार्च को छठे और 7 मार्च को सातवें दौर का मतदान होगा। लेकिन इन सबके बीच उत्तर प्रदेश में तेजी के साथ चल रहे चुनावी रैलियों पर भी विराम लगा दिया गया। ऐसे में बिना रैलियों के चुनावी तैयारियों को एक मुकाम तक ले जाना उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में लागू की गई आचार संहिता व  कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाई गई चुनावी रैलियों पर रोक आयोग का एक अहम फैसला माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश के सपा, बसपा, बीजेपी और कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दल चुनाव आयोग के इस फैसले को किस नजरिए से लेते हैं व रैली के अलावा अपने चुनावी तैयारियों को जोर देने के लिए किस तरह की योजना बना रहे हैं, यह जानना बेहद महत्वपूर्ण होगा। 

वर्चुअल रैली से समस्या नहीं, बस मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिले बराबर स्थान- सपा
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बढ़ जाती है क्योंकि इस तरह का चुनाव देश और प्रदेश को पहली बार देखने को मिल रहा है। जमीन पर कोई चुनावी रैली नहीं होगी, कोई प्रचार नहीं होगा सिर्फ डिजिटिल प्रचार होगा। तो इसके लिए चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों के लिए प्राइवेट चैनल हो या सरकारी हों सभी माध्यमों पर बराबर जगह दिलाना चाहिए, तभी लोकतंत्र सही तरह से जिंदा रखा जाएगा। चुनाव आयोग को सभी मीडिया संस्थानों के लिए ये निर्देश देने चाहिए कि वे सभी राजनीतिक दलों (Political parties) को बराबर की जगह दें। उन्होंने कहा कि जनता मन बना कर बैठी है कि बीजेपी को सत्ता से हटाना है। लेकिन प्रचार यदि वर्चुअली हुआ है तो कोई दिक्कत नहीं है, बस सत्ता पक्ष के साथ अन्य दलों को मीडिया संस्थानों पर बराबर स्पेस मिलना चाहिए। 


कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं, आयोग के ऐलान के पहले से कांग्रेस ने शुरू की वर्चुअल रैली- कांग्रेस
कांग्रेस की प्रवक्ता आस्था तिवारी ने इस मामले पर बताया कि फिजिकल कैंपेनिंग और डिजिटल कैम्पेनिग के बहुत अंतर होता है, इसलिए चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद फर्क तो पड़ेगा। लेकिन जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के ऐलान से पहले ही यूपी में होने वाली अपनी पार्टी की बड़ी रैलियों पर रोक लगा दी थी। उन्होंने कहा कि फिजिकली रैलियां या सभाएं न होने से नुकसान सभी राजनीतिक दलों का है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है। इसमें पूरा प्रयास रहेगा कि वर्चुअल रैली के जरिये अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से हम जनता तक पहुंचें। उन्होंने कहा कि हमारी नेता प्रियंका गांधी ने कल भी फेसबुक लाइव के जरिये वर्चुअल बातचीत की थी। तो यह वर्चुअल कैम्पेनिंग कांग्रेस पार्टी ने पहले से ही शुरू कर दी है। लेकिन थोड़ा अंतर वर्चुअल और फिजिकल में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से कांग्रेस को कोई विशेष नुकसान नहीं होगा।


शुरू से जमीन पर तैयारियां कर रही BSP, रैलियों पर प्रतिबंध लगने से कोई डर नहीं- बीएसपी प्रवक्ता
बीएसपी के प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लग गई हैं, ऐसे में चुनाव आयोग के जो निर्देश हैं उसपर बहुजन समाज पार्टी पूरी तरह अमल करेगी। बाकी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को कह दिया गया है कि आचार संहिता के साथ चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पार्टी के लोग पूरा पालन करें। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती की नजर में आम लोगों की जान ज्यादा महत्व रखती है और उसे लेकर वे हमेशा सजग रही हैं। आयोग की ओर से यदि वर्चुअल रैली का निर्देश हुआ तो सभी दलों की तरह हमारी पार्टी भी वर्चुअल रैली के साथ चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए चुनाव में उतरेगी। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर इशारों इशारों में तंज कसते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी उस विद्यार्थी की तरह है, जो साल भर पढती है, वह परीक्षा से एक दिन पहले तैयारियां नहीं करती है। रैलियों पर लगाए गए प्रतिबंध से वे लोग घबराएं जो सालभर पढ़ाई नहीं करते हैं और सोचते हैं कि एक दिन पहले तैयारी करके परीक्षा दे दें।

वर्चुअली रैली करने में बीजेपी को कोई नुकसान नहीं, पार्टी सभी प्लेटफॉर्म पर तैयार- अभिजात मिश्रा
बीजेपी नेता अभिजात मिश्रा ने बताया कि हमारा संगठनात्मक ढांचा बहुत मजबूत है। हमारी तैयारी सभी प्लेटफॉर्म पर बनी हुई है, जिस वजह से हमारी पार्टी को कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी शुरुआत से ही चुनाव के लिए तैयार थी। बीजेपी की सरकार ने जो काम किए हैं, उसकी बदौलत लगातार जनता का समर्थन मिल रहा है और हम सभी पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि फिजिकल रैलियों के चलते कोरोना तेजी से फैलने का डर और अधिक बढ़ जाता है और यह चुनाव जनता के हित में ही हो रहा है। तो ऐसा कोई काम बीजेपी नहीं करेगी जो जनता के खिलाफ हो। इसलिए जो भी चुनाव आयोग की गाइडलाइंस हैं उनका पालन किया जाएगा।