सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य को भी लैपटॉप चलाना नहीं आता। उन्होंने कहा कि कानपुर मेट्रो का काम सपा शासनकाल में शुरू हुआ था। इस दौरान उन्होंने दावा कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दे रही है, इसलिए यह सपने में भगवान के आने की बात कह रहे हैं।

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। एक कार्यक्रम के दौरान सपा (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसा। राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा पर खुल कर हमला किया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditiya Nath) के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) को भी लैपटॉप चलाना नहीं आता। उन्होंने कहा कि कानपुर मेट्रो का काम सपा शासनकाल में शुरू हुआ था। इस दौरान उन्होंने दावा कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दे रही है, इसलिए यह सपने में भगवान के आने की बात कह रहे हैं।

पार्टी करेगी तय चुनाव में अखिलेश की भूमिका
सपा सुप्रीमो ने कहा कि बाबा टिकट मांग रहे हैं, तभी तो पत्र लिखा है। वह उनके गोरखपुर या अयोध्या से चुनाव लड़ने की खबर पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी उन्हें कहां टिकट देगी। वहीं सपा सुप्रीमो ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी वह कहां से चुनाव लड़ेंगे?  । हालांकि इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह टिकट नहीं मांग रहे हैं। वह पार्टी पर छोड़ रहे हैं कि पार्टी मुझे चुनाव लड़ाना चाहती है या चाहती है कि मैं चुनाव लड़वाऊं। सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी का हर एक विज्ञापन झूठा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में मेट्रो का निर्माण क्यों नहीं शुरू हुआ। अब 2022 में समाजवादियों ने बीजेपी का झूठ पकड़ कर लिया। क्योंकि समय बहुत बलवान होता है और आज बीजेपी वालों के साथ समय साथ नहीं दे रहा है। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी इत्र बनाने वाले के खिलाफ छापेमारी की रणनीति बनाकर आयकर विभाग ने कार्रवाई की।

क्या होगी वोटर की प्राथमिकताएं
अखिलेश यादव ने साथ ही दावा किया कि एक रंग वाले एक ही रंग सोच सकते हैं। इस बार होली हर रंग की होगी। होली हर रंग की अच्छी होती है। इस बार जनता चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि आप वोट डालने जाएंगे तो क्या प्राथमिकता होगी बिजली सस्ती हो, जानवरों के खाने का इंतजाम हो, सड़कों पर पशु नहीं झूमते नहीं दिखे।

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