सार

यूपी के फर्रुखाबाद के करथिया गांव में गुरुवार यानी 30 जनवरी को एक सिरफिरे सुभाष बाथम ने 23 मासूम बच्चों को तहखाने में बंधक बना लिया था। एनएसजी कमांडो ने गांववालों के साथ मिलकर आपरेशन चला सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं, मुठभेड़ में सनकी मारा गया, जबकि उसकी पत्नी को गांववालों ने पीट पीटकर घायल कर दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

फर्रुखाबाद (Uttar Pradesh). यूपी के फर्रुखाबाद के करथिया गांव में गुरुवार यानी 30 जनवरी को एक सिरफिरे सुभाष बाथम ने 23 मासूम बच्चों को तहखाने में बंधक बना लिया था। एनएसजी कमांडो ने गांववालों के साथ मिलकर आपरेशन चला सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं, मुठभेड़ में सनकी मारा गया, जबकि उसकी पत्नी को गांववालों ने पीट पीटकर घायल कर दिया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना पर पूरे देश की नजरें टिकी हुईं थीं। सभी के मन में एक ही सवाल था कि आखिर शख्स ने मासूम बच्चों को ही क्यों निशाना बनाया। आज हम आपको सनकी की इस हरकत के पीछे की वजह बताने जा रहे हैं।

यहां से पड़ी थी सनकी के मन में बदला लेनी की नींव 
साल 2001 में सुभाष को हत्या मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी। 10 साल तक जेल में रहने के बाद करीब डेढ़ साल पहले वो जमानत पर छूटकर बाहर आया था। करीब 8 महीने पहले मौधा गांव के अमर सिंह राठौर के खेत से रबड़ का पाइप चोरी हो गया था। जांच में सुभाष का नाम सामने आया। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने ले गई। लेकिन अंधेरा होने पर वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। करीब चार महीने पहले स्वॉट टीम ने उसे पकड़ा था। दो-तीन दिन तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया। बताया जाता है कि तभी से सुभाष गांववालों और स्वॉट टीम के दो सिपाही सचेंद्र सिंह व अनुज तिवारी से नाराज था।

बच्चों को बंधक बनाने के दौरान सनकी ने ​की थी ये मांगे...

- बच्चों को बंधक बनाने के दौरान आरोपी ने सबसे पहले दोस्त से बिस्कुट और सिगरेट मांगा। दरवाजे के नीचे से सामान लिया।

- दोस्त से शराब मंगाई, जोकि दरवाजे के नीचे से लिया। 

- स्थानीय विधायक को बुलाने की रखी मांग।

- मुखबिरी करने वाले स्वॉट टीम टीम के 2 सिपाही और गांववालों को उसके सामने लाने की मांग की।

- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर की रखी मांग।

- शौलाचल की रखी मांग।

- एक-एक बच्चे के बदले एक एक करोड़ रुपए की मांग।

- पुलिस से उसकी मुखबिरी करने वाले स्वॉट टीम टीम के 2 सिपाही और गांववालों को उसके सामने लाने की बात कही थी। माना जा रहा है कि दोनों सिपाहियों और गांववालों से बदला लेने के लिए सुभाष ने 23 बच्चों को बंधक बनाया। 

तहखाना देख हैरान रह गए पुलिसवाले
डीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया, सुभाष ऊटपटांग मांगे कर रहा था। उसकी हर मांग पर प्रशासन हामी भरता जा रहा था। लेकिन उसके बावजूद वो बच्चों को नहीं छोड़ रहा था। सुभाष के घर में तलशी के दौरान वो तहखाना मिला जिसमें उसने बच्चों को रखा था। काफी जमीन के नीचे अंडरग्राउंड एक कमरा बना था, जिसमें अंधेरा था। यह देख सभी हैरान रह गए कि कैसे बच्चों ने इस कमरे में 10 घंटे से ज्यादा का समय बिताया। वहीं, घर तलाशी ली तो भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। एक बोरी में सुतली बम समेत छोटे गैस सिलेंडर में भरा बारूद बरामद हुआ। 315 बोर की रायफल, तमंचा सहित एक दर्जन कारतूस बरामद हुए हैं।