सार
लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से यूपी आ रहे प्रवासी श्रमिकों की भीड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने इसको लेकर यूपी सरकार को अहम निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने बाहरी राज्यों से आने वाले हर 400 लोगों पर एक अधिकारी नियुक्त करने का राज्य सरकार को आदेश दिया है।
लखनऊ(Uttar Pradesh). लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से यूपी आ रहे प्रवासी श्रमिकों की भीड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने इसको लेकर यूपी सरकार को अहम निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने बाहरी राज्यों से आने वाले हर 400 लोगों पर एक अधिकारी नियुक्त करने का राज्य सरकार को आदेश दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों का रिकार्ड तैयार कर उनकी मॉनीटरिंग भी सुनिश्चित करें। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच ने क्वारेंटाइन सेंटर्स और अस्पतालों की बदहाली को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के वकील गौरव कुमार गौर ने प्रयागराज में क्वारेंटाइन सेंटरों की बदहाली को लेकर ई-मेल के जरिए चीफ जस्टिस से शिकायत की थी। प्रयागराज के लूकरगंज के कोरोना पाजिटिव मृत इंजीनियर की कोरोना पाजिटिव पत्नी की ओर से क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर से जारी वीडियो के साथ भेजे गए ई-मेल पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका कायम करते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी। मामले की तीसरी सुनवाई पर कोर्ट ने ये अहम आदेश सुनाया है।
हर 400 प्रवासी श्रमिकों की मॉनीटरिंग को तैनात हो एक अफसर
कोर्ट ने कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए 400 लोगों की मानीटरिंग के लिए एक ज़िम्मेदार अफ़सर की तैनाती करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कोरोना पाजिटिव होने पर बचाव व रोकथाम के मद्देनजर अस्पतालों और क्वारेंटाइन सेंटरों की सुविधाएं बढ़ाये जाने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अस्पतालों में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों के आने वाले मरीजों के इलाज की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
मेडिकल स्टोर्स संचालक सरकार को देंगे रिपोर्ट
सूबे की योगी सरकार ने प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर्स को एक अहम निर्देश दिए हैं। मेडिकल स्टोर्स को अब खांसी, जुकाम, बुखार की दवा लेने वालों का ब्योरा राज्य सरकार को देना होगा। राज्य सरकार के औषधि प्रशासन विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें सभी मेडिकल स्टोरों को कहा गया है कि जो कोई भी मेडिकल स्टोर पर बुखार, जुकाम और खांसी की दवा मांगने के लिए आए तो उसकी जानकारी सरकार को जरूर दी जाए। सरकार का इन तमाम चीजों के पीछे तर्क है कि कोविड-19 को लेकर इस कदम से ज्यादा जागरूकता फैलाई जा सकेगी। साथ ही सरकार के पास इन तमाम लोगों का डाटा भी उपलब्ध होगा और इससे स्कैन करके कोविड-19 के लोगों को लोगों की पहचान की जा सकेगी।