सार
मस्जिद के लिए जमीन लेने को लेकर भी मुस्लिम पक्ष एकमत नहीं है। कुछ दिन पहले अयोध्या मामले से जुड़े पक्षकारों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े हुए पक्षकारों ने कहा था कि उन्हें 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए। हालांकि अयोध्या मामले से जुड़े मुख्य पक्षकार हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी जमीन लेने के पक्ष में दिखे थे।
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) । अयोध्या प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन की पहचान कर ली है। ये जमीनें पांच स्थानों पर मिली हैं। पांचों जमीनें अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा के बाहर हैं। पंचकोसी परिक्रमा 15 किलोमीटर की वह परिधि है, जिसे अयोध्या का पवित्र क्षेत्र माना जाता है।
इन स्थानों पर जमीन की पहचान
अयोध्या प्रशासन ने मस्जिद के लिए जिन जगहों की पहचान की है। उसमें मलिकपुरा मिर्जापुर, शमशुद्दीनपुर और चांदपुर गांव स्थित जमीनें हैं। यह सभी जमीनें अयोध्या से निकलने वाले और अलग-अलग शहरों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर है। एक बार ट्रस्ट बनने के बाद सरकार ये जमीन मुस्लिम पक्ष को सौंपेगी।
जमीन लेने पर मुस्लिम पक्ष एकमत नहीं
वहीं मस्जिद के लिए जमीन लेने को लेकर भी मुस्लिम पक्ष एकमत नहीं है। कुछ दिन पहले अयोध्या मामले से जुड़े पक्षकारों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े हुए पक्षकारों ने कहा था कि उन्हें 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए। हालांकि अयोध्या मामले से जुड़े मुख्य पक्षकार हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी जमीन लेने के पक्ष में दिखे थे।
9 नवंबर को आया ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में दशकों से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की बेंच ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया, जबकि, कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या नगर के अंदर ही अलग जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।