सार
हत्यारे हिमांशु ने अजय पाठक को छोटी-छोटी धनराशि के रूप में करीब 60 हजार रुपए उधार दे रखे थे। जिसे वापस मांगने पर अजय पाठक ने उसे अपमानित किया था। घटना की रात हिमांशु ने पैसे की मांग किया तो अजय ने अपशब्द करते डांट दिया था। इससे क्षुब्ध व अपमानित होकर तथा अच्छा पैसा मिलने के लालच के में आकर उसने इस घटना को अंजाम दिया।
शामली (उत्तर प्रदेश)। इंटरनेशनल भजन गायक अजय पाठक उनकी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया। पुलिस ने हत्यारोपी हिमांशु सैनी को हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है। वह झारखेडी थाना कैराना का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में हिमांशु ने बताया कि उसने अजय पाठक को छोटी-छोटी धनराशि के रूप में करीब 60 हजार रुपए उधार दे रखे थे। मांगने पर भी पैसा नहीं दे रहे थे। बार-बार अपना पैसा मांगने पर अजय पाठक ने उसे अपमानित करते थे। 30 दिसबंर की रात भी पैसे की मांग किया तो अजय ने अपशब्द करते डांट दिया था। इससे क्षुब्ध होकर वह उन्हीं के घर हीं रूक गया। रात 3 बजे अजय के घर में रखी तलवार से ही उनके पूरे परिवार का नरसंहार कर दिया। वहीं, पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल तलवार, तीन मोबाइल और खून से लथपथ कपड़े बरामद कर लिया है।
ढाई साल से भजन मंडली में करता था काम
हिमांशु ने पूछताछ में बताया कि अजय पाठक की भजन मंडली में पिछले दो-ढाई साल से काम करता था। अजय पाठक के घर उसका आना-जाना रहता था। रात में अजय पाठक के यहां रुक भी जाया करता था।
पहले अजय की किया था हत्या
हिमांशु ने खाना-पीना के बाद सोने चला गया, लेकिन रात करीब 3 बजे उठा। पहली मंजिल पर बने कमरे में आया। जहां घर में ही रखी तलवार से सो रहे अजय पाठक पर कई वार कर हत्या कर दिया।
इस तरह अजय की पत्नी को उतारा मौत के घाट
अजय की हत्या के बाद उसी कमरे में दवाई लेकर सो रही उनकी पत्नी स्नेह के जग गई। जिसपर हत्यारे ने तलवार से वार कर उसे भी मौत के घाट उतार दिया।
इस कारण बेटी की किया कत्ल
हत्यारे हिमांशु को शक हुआ कि अजय की बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत को इस हत्या की जानकारी हो जाएगी तो वह पकड़ा जाएगा। इसी डर से उसने तुरंत दूसरे कमरे में सो रही वसुंधरा उसी तलवार से मार डाला।
भागवत की गला दबाकर किया था हत्या
वसुंधरा की हत्या के समय भागवत जग गया। जिसकी आहट मिलने पर हिमांशु ने उसका गला दबाकर मार डाला। इसके बाद उसने चारों शवों को कहीं ले जाकर ठिकाने लगाने की सोचा।
ग्राउंड फ्लोर पर लेकर आया था बच्चों का शव
वह भागवत और वसुंधरा को एक-एक कर पहली मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर लेकर आया। बाहर खड़ी ईको स्पोर्टस की डिग्गी को खोलकर भागवत की बॉडी रख लिया, जबकि बॉड़ी भारी होने के कारण वसुंधरा उसे गाड़ी में नहीं लाद पाया।
रजाई से ढक दिया बेटी का शव
गाड़ी में लाद न पाने के कारण वसुंधरा के शव को नीचे कमरे में लेकर आया। यहां रखी रजाई से ढक कर कमरे को बाहर से ताला लगा दिया, क्योंकि सुबह होने को थी। कहीं किसी को मालूम न चल जाए, वह ऊपर कमरे में गया।
दंपति की हत्या के बाद इस कारण डाला था कंबल
अजय 31 दिसंबर की सुबह अपने परिवार के साथ करनाल जाने वाले हैं। इसकी जानकारी हिमांशु को भी थी। इसके कारण उसने अजय और स्नेह को कंबल से ढक दिया, जिससे लगे कि वे सो रहे हैं। उनके कमरे को भी बाहर से बंद कर दिया। नीचे आकर ईको स्पोर्टस गाड़ी में शव रखकर बाहर निकला। इसके बाद घर के बाहर भी ताला लगाकर गाड़ी लेकर चला गया।
एक-एक कर शवों को ले जाता हत्यारा
हिमांशु ने बताया कि चारों के शवों को मृत अजय की ईको स्पोर्टस गाड़ी में डालकर कहीं ले जाकर ठिकाने लगा देगा, जिससे किसी को पता नहीं लग सकेगा, लेकिन पुलिस को जानकारी हो जाने के कारण वह डर गया। पकड़े जाने की डर से उसने साक्ष्य मिटाने के लिए पानीपत टोल प्लाजा के पास ईको स्पोर्स्ट मे पेट्रोल डालकर आग लगा दी, जिससे भागवत का शव भी आधा जल गया था।
हत्यारे का था और यह प्लान
हिमांशु का प्लान था कि घर के बाहर ताला और गाड़ी न देख सभी को लगेगा कि अजय पाठक परिवार सहित करनाल चले गए हैं। रात होने पर वह पुनः घर पहुंचकर उन तीनों लाश को गाड़ी में रखकर ले जाएगा और आसानी से ठिकाने लगा देगा। शवों को ठिकाने लगाने के बाद अजय के रखे पैसा हाथ साफ कर देगा, लेकिन शाम के समय घटना की जानकारी पुलिस को लग गई।