सार
राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला सामने आने के बाद भी अयोध्या में हलचल जारी है। इकबाल अंसारी ने एक बाद फिर साफ किया है कि वह पुनर्विचार याचिका मामले में अपने फैसले पर आज भी अडिग हैं
अयोध्या(Uttar Pradesh ). राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला सामने आने के बाद भी अयोध्या में हलचल जारी है। इकबाल अंसारी ने एक बाद फिर साफ किया है कि वह पुनर्विचार याचिका मामले में अपने फैसले पर आज भी अडिग हैं। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि फैसला कुछ भी आए लेकिन इस विवाद का हल जरूरी है। मै पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करूंगा।
बता दें कि सैकड़ों साल साल से चल रहे अयोध्या मामले में बीते 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 सदस्यीय जजों के पैनल ने इस मामले में फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार विवादित जमीन साक्ष्यों के आधार पर रामलला विराजमान को देने का निर्णय लिया गया। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि 3 महीने में ट्रस्ट बनाकर वहां मंदिर निर्माण कराया जाए। वहीं सरकार को कोर्ट ने ये भी कहा कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन दी जाए। जिसके बाद आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मामले में कोर्ट के समक्ष पुर्नविचार याचिका दायर करने का निर्णय लेने के लिए मुस्लिम पक्षकारों की एक मीटिंग बुलाई थी। जिसमे पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया ।
मीटिंग में नही पहुंचे थे मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से बुलाई गए बैठक में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी शामिल नहीं हुए। दरअसल इकबाल अंसारी ने पहले ही कहा था कि वह अब इस मामले का हल चाहते हैं। फैसला किसी के पक्ष में आए वह इसे सहर्ष मानेंगे। वह बोर्ड की तरफ लिए गए पुनर्विचार याचिका के फैसले से भी बिलकुल संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि कोर्ट को जो सही लगा वह फैसला आ गया अब पुनर्विचार याचिका दायर करके इस विवाद को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं।
मेरे ऊपर किसी का कोइ दबाव है- इकबाल
इकबाल अंसारी ने यह भी कहा है कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में न जाना उनकी खुद की मर्जी है। उनके ऊपर सरकार या प्रशासन का कोई दबाव नहीं है। न ही उनसे किसी ने इस बैठक के बारे में पूंछा। इकबाल अंसारी का कहना है कि उन्हें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस सैकड़ों साल पुराने विवाद में फैसला सुनाया है। इस समस्या का हल निकलने के बाद अब उसे उलझाने का कोई मतलब नहीं। उन्होंने कहा मुस्लिमों की तरफ से 5 पक्षकार हैं सबका अपना अधिकार है।