सार

कानपुर के बिकरू गांव में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले से अभी पुलिस उबर भी नहीं पाई थी कि एक और मामले ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। कानपुर में एक लैब टेक्नीशियन का अपहरण हो गया। अपहर्ताओं ने युवक के पिता से 30 लाख की फिरौती मांगी। पीड़ित ने पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने फ़िल्मी स्टाइल में एक प्लान बनाया।

कानपुर(Uttar Pradesh). कानपुर के बिकरू गांव में हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले से अभी पुलिस उबर भी नहीं पाई थी कि एक और मामले ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। कानपुर में एक लैब टेक्नीशियन का अपहरण हो गया। अपहर्ताओं ने युवक के पिता से 30 लाख की फिरौती मांगी। पीड़ित ने पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने फ़िल्मी स्टाइल में एक प्लान बनाया। परिजनों के मुताबिक पुलिस ने उनसे 30 लाख की व्यवस्था कर अपहर्ताओं द्वारा बताए गए स्थान पर जाने को कहा। उनके साथ पुलिस भी सादे ड्रेस में साथ गई। लेकिन इसके बाद भी अपहर्ता पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर पैसे लेकर फरार हो गए। मामले में पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है।

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कानपुर के बर्रा में रहने चमन यादव अपनी पत्नी, बेटी और बेटे संचित यादव के साथ रहते हैं। संचित एक लैब में टेक्नीशियन हैं। बीते 22 जून को संचित लैब से वापस लौट रहे थे, तभी उन्हें किडनैप कर लिया गया। परिवार ने बर्रा थाने में संचित यादव की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कुछ दिनों बाद किडनैपर्स ने परिवार से 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। पीड़ित परिवार ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने संचित को बरामद करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया और उसके पिता से 30 लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा। इस पर उन्होंने बर्रा-5 स्थित अपना मकान 20 लाख रुपये में बेचा। बेटी की शादी के लिए बनवाए जेवर बेचकर किसी तरह 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की।

घंटों पीड़ित पिता को इधर-उधर दौड़ाते रहे बदमाश 
सोमवार शाम करीब पांच बजे एक बाइक पर संचित के पिता चमन यादव पुलिस के दिए हुए बैग में रुपयों के साथ बदमाशों के बुलाए गए स्थान के लिए निकले। चमन के भांजे हरीश कुमार ने बताया कि वह और उनके मामा के दोस्त एक अन्य बाइक से चमन पर दूर से निगाह बनाए हुए थे। मामा की बाइक से करीब 20 कदम की दूरी पर सादी वर्दी में दो पुलिसकर्मी और बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय अपनी प्राइवेट कार से उनका पीछा करते हुए चलने लगे। हरीश के मुताबिक बदमाशों ने सबसे पहले मामा को उन्नाव अचलगंज चौराहे पर बुलवाया। यहां पहुंचने पर बदमाशों ने उन्हें वापस रामादेवी चौराहे पर बुलाया। कुछ देर इंतजार करने के बाद बदमाशों ने नौबस्ता चौराहे पर बुलाया और करीब एक घंटे इंतजार कराया। 

पुल से नीचे फेंकने को बोला बैग 
इसके बाद बदमाश ने संचित के पिता चमन को फोन कर गुजैनी हाईवे पर बुलाया। रात करीब आठ बजे हाईवे के ऊपर पहुंचने पर बदमाश ने फोनकर उनसे नीचे से गुजर रही रेलवे पटरी पर बैग फेंकने को कहा। पुलिस के इशारा करते ही उन्होंने बैग नीचे फेंक दिया। अपहर्ता लगातार चमन से बात कर रहे थे, पैसे से भरा बैग पुलिस से नीचे फेंकने के बाद फोन पर बात कर रहे अपहर्ता ने कहा कि आगे 1 किमी जाने के बाद एक मंदिर मिलेगा जहां तुम्हारा बेटा खड़ा है जाओ उसे ले लो. चमन भाग कर वहां पहुंचा लेकिन उसे उसका बेटा नहीं मिला, काफी देर इंतजार करने के बाद भी उसका बेटा नहीं मिला तो वह फफक कर रोने लगा, मायूस होकर चमन करीब 1 घंटे इंतजार करने के बाद घर वापस लौट आया। इधर जब तक पुलिस हाईवे के किनारे से नीचे उतरकर पहुंची, बदमाश रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। यह देख पुलिस हाथ मलती रह गई और परिजनों को भी घर भेज दिया।

बहन ने दी थी बैग में GPS लगाने की सलाह 
रकम चली जाने और भाई के न मिलने से दुखी बहन रुचि मंगलवार को परिजनों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंची, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। रुचि ने बताया कि पैसे देने से एक दिन पहले वह खुद एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता के कार्यालय गई थी। वहां पैसे चले जाने की आशंका जताते हुए बैग में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) डिवाइस लगवाने की राय दी थी, लेकिन उसे डांटकर शांत करा दिया था। अपनी विफलता पर अब अधिकारी पर्दा डालने की कोशिश में लगे हैं।