सार

पीएम मोदी सबसे पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद धाम के लोकार्पण के बाद मंदिर चौक में संत-महात्माओं व गणमान्य लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान श्रीश्री रविशंकर, बाबा रामदेव, साध्वी ऋतंभरा समेत 500 से ज्यादा बड़े संत- महात्मा की विशेष मौजूदगी होगी। संबोधन के बाद पीएम संत-महात्माओं से मुलाकात करेंगे, धाम के एक-एक भवन की सुंदरता व गुणवत्ता निहारेंगे। 

वाराणसी: सोमवार को देश-दुनिया के लोग 12 ज्योतिर्लिंगों में एक श्रीकाशी विश्वनाथ (Vishwanath Dham)के भव्य धाम के लोकार्पण के साक्षी बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुभ मुर्हूत में संत-महात्माओं, गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बाबा विश्वनाथ का धाम लोक को अर्पित करेंगे। इससे पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से पुर्ननिर्मित सोमनाथ धाम (गुजरात) को 1 दिसंबर 1955 को लोकार्पित किया था। लोकार्पण कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए देशभर के मठ-मंदिरों में समारोह का सजीव प्रसारण होगा। लोकार्पण से पूर्व धाम सुंगधित फूलों से गमक उठा। शाम को रंग-बिरंगे झालर व फसाड लाइटों में परिसर की अद्भुत छटा निखर उठी।  

पीएम मोदी सबसे पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद धाम के लोकार्पण के बाद मंदिर चौक में संत-महात्माओं व गणमान्य लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान श्रीश्री रविशंकर, बाबा रामदेव, साध्वी ऋतंभरा समेत 500 से ज्यादा बड़े संत- महात्मा की विशेष मौजूदगी होगी। संबोधन के बाद पीएम संत-महात्माओं से मुलाकात करेंगे, धाम के एक-एक भवन की सुंदरता व गुणवत्ता निहारेंगे। वह मंदिर परिसर के इम्पोरियम में बाबा का भोग प्रसाद भी ग्रहण करेंगे। धाम के निर्माण में लगे मजदूरों संग फोटो खिंचवाकर सबका साथ सबका विकास का संदेश देंगे।

2 वर्ष 9 महीने और 9 दिन में हुआ धाम का निर्माण

काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 मार्च 2019 को किया था। अब 13 दिसम्बर को लोकार्पण करने पहुंच रहे है। 445 करोड़ रुपये की परियोजना को रिकॉर्ड समय दो वर्ष 9 माह नौ दिन पूरा किया गया है। निर्माण के लिए 320 भवनों को क्रय किया गया। जिसमें 498 करोड़ रुपये लागत आयी थी।

PM मोदी ने किया  माँ गंगा की इच्छा को पूरा: CM योगी

सीएम योगी ने कहा कि मां गंगा ने हजारों वर्ष पहले याचना की थी कि मैं मणि‍कर्णि‍का में ही उलझकर ना रहूं, मैं शि‍व का सानि‍ध्‍य प्राप्‍त करूं। उस वक्‍त बाबा भैरव नाथ ने उन्‍हें बोला था कि  इस सानि‍ध्‍य के कारण बाबा वि‍श्‍वनाथ की साधना में वि‍घ्‍न ना पैदा हो। बाबा कालभैरव इसका आश्‍वासन चाहते थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के प्रयासों से मां गंगा को बाबा का सानि‍ध्‍य प्राप्‍त हो गया है। मुख्‍यमंत्री ने ये भी कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वाराणसी में कहा था कि मुझे गंगा मइया ने बुलाया है, तो शायद मां गंगा ये महान कार्य उनके माध्‍यम से कराना चाहती थीं। 

श्रद्धालुओं के लिए सहूलियतों को समझें 10 प्वाइंट्स में

काशी विश्वनाथ का मंदिर अब गंगा से सीधे जुड़ गया है। श्रद्धालु जलासेन घाट, मणिकर्णिका और ललिता घाट पर गंगा स्नान कर सीधे बाबा धाम में प्रवेश कर सकेंगे।
विशालकाय बाबा धाम के 3 यात्री सुविधा केंद्रों में श्रद्धालुओं को अपना सामान सुरक्षित रखने, बैठने और आराम की सुविधा मिलेगी।
कला और संस्कृति की नगरी काशी में कलाकारों के लिए एक और सांस्कृतिक केंद्र की सौगात मिलेगी। दो मंजिला इमारत सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए है।
विश्वनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए योग और ध्यान केंद्र के रूप में वैदिक केंद्र को स्थापित किया गया है।
धाम क्षेत्र में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओें के लिए स्प्रिचुअल बुक सेंटर धार्मिक पुस्तकों का नया केंद्र होगा।
श्रद्धालुओं के लिए बाबा की भोगशाला भी स्थापित की गई है। यहां एक साथ 150 श्रद्धालु बैठकर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
सनातन धर्म में काशी में मोक्ष की मान्यता है। विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन बनाया गया है। इससे लगभग 100 कदम की दूरी पर महाश्मशान मणिकर्णिका है।
विश्वनाथ धाम में प्रवेश के लिए 4 विशालकाय द्वार बनाए गए हैं। पहले यहां सिर्फ सकरी गलियां थीं।
सुरक्षा के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। पूरे धाम क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
धाम में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा से लेकर एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी।

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