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गैस कटर से काटा गया नवाब खानदान के स्ट्रांग रूम का ताला, खजाने की हकीकत देख उड़े होश
| Published : Mar 07 2020, 03:28 PM IST / Updated: Mar 07 2020, 04:49 PM IST
गैस कटर से काटा गया नवाब खानदान के स्ट्रांग रूम का ताला, खजाने की हकीकत देख उड़े होश
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उप्र के रामपुर स्थित नवाब मिक्की मियां खानदान की कोठी खासबाग की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कर रही टीम को कोठी के निरीक्षण के दौरान नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम मिला। उन्हें बताया गया कि इसमें नवाब खानदान का बेशकीमती खजाना है। टीम ने जब उस स्ट्रांग रूम को खोलना चाहा तो उसकी चाभी गुम होने के कारण उसे खोला नहीं जा सका। जिसके बाद गैस कटर से उसे काटना पड़ा। लेकिन जब कटर से काटने के बाद स्ट्रांग रूम खुला तो उसमे कोई खजाना नहीं था। पूर्व मंत्री काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने बताया कि खजाने का न होना संदिग्ध है। इस स्ट्रांग रूम में रखे बेशकीमती जेवरात व ताज भी नहीं मिला है। यहां 1980 में चोरी भी हुई थी। उसके बाद से यह स्ट्रांग रूम बंद था।
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नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा ने बताया कि आलमारी खुल चुकी है। इसमें भी अच्छे हथियार मिले, जो खूबसूरत भी हैं और मशहूर कंपनियों के हैं। ज्यादातर हथियार स्कॉटलैंड, लंदन, फ्रांस, जर्मनी के बने हुए हैं। आर्मरी से 1000 तलवारें और अंग्रेजों के जमाने की 315 राइफल मिलीं। इसके मूल्यांकन के लिए अलग कमेटी बनाई गईं। हालांकि, चल संपत्ति में कुछ बेशकीमती चीजें कबाड़ हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि इनके मूल्यांकन में कुछ महीने लग जाएंगे।
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नवाब खानदान की बहू नूरबानो के मुताबिक 1930 में उनके ससुर नवाब रजा अली खां के पिता नवाब हामिद अली खां ने कोठी खासबाग का निर्माण कराया था, तभी ये स्ट्रांग रूम बना था। नूरबानो का दावा है कि स्ट्रांग रूम पर यदि बम बरसाए जाएं, तब भी इस पर कोई असर नहीं होगा। इस दीवार में 16-16 मिलीमीटर धातु की तीन परतें है। कुछ दिन पहले टीम ने स्ट्रांग रूम को खोलने की कोशिश के थी लेकिन उस समय ये कटर से भी नहीं कटा था। जिसके बाद काम रोक दिया गया था और काटने के दौरान मिले मिश्रण एवं लोहे के महीन टुकड़ों को जांच के लिए गुरुग्राम भेजा गया था ताकि पता चल सके कि इसमें कौन--कौन सी धातु मिली हैं।
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नवाब के वारिसों में नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां की पत्नी व पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके नवेद मियां ही रामपुर में रहते हैं, बाकी सभी लोग रामपुर से बाहर हैं। नवाब मुर्तजा अली खां के बेटे भी गोवा और दिल्ली में ही रहते हैं। इसके अलावा तलत फातिमा हसन अमेरिका, समन अली खां महाराष्ट्र, सैयद सिराजुल हसन बेंगलुरु और गिजाला मारिया सैगबर्ग जर्मनी में रहती हैं।
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रामपुर में खासबाग 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसी के बीच में कोठी खाबाग बनी है। आलीशान कोठी को इस तरह बनाया गया कि भीषण गर्मी में भी पूरी तरह ठंडी रहे, यहां के आसपास तापमान भी पांच डिग्री कम रहता है। कोठी यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी है। यहां के बड़े-बड़े हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए हैं। कोठी में नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल व संगीत हाल भी बनाया गया। कोठी में ढाई सौ कमरे सहित कई बड़े हाल हैं। कोसी नदी किनारे बनी इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ लगे हैं। सेंट्रल हाल में बेशकीमती पेंटिंग लगी हैं।इसकी सीढिय़ां इटेलियन संगमरमर से बनी हैं।