सार
लॉकडाउन के बीच सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है। अब आवश्यक वस्तुओं के आवागमन के लिए ई-पास जारी होगा। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति करने वाली संस्थाओं को भी पास लेना होगा। आम लोग भी चिकित्सा सेवा लेने के लिए ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेल्पनंबर 1076 पर आवश्यक वस्तुओं की सेवा न मिल पाने पर शिकायत कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आपको rahat.up.nic.in पर जाना होगा। इसके बाद rahat.up.nic/epass पर जाकर आवेदन भरा जा सकता है।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए बुधवार को सरकार ने 4 दिन का लॉकडाउन बढ़ा दिया है। अब प्रदेश में 10 मई सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन रहेगा। बता दें कि दो दिन पहले सरकार ने गुरुवार सुबह 7 बजे तक के लिए लॉकडाउन घोषित किया था। वहीं, ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए घर-घर जांच अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान नौ मई तक चलेगा।
अब जरूरी वस्तुओं के आवागमन के लिए जारी होगा ई-पास
लॉकडाउन के बीच सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है। अब आवश्यक वस्तुओं के आवागमन के लिए ई-पास जारी होगा। साथ ही आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति करने वाली संस्थाओं को भी पास लेना होगा। आम लोग भी चिकित्सा सेवा लेने के लिए ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेल्पनंबर 1076 पर आवश्यक वस्तुओं की सेवा न मिल पाने पर शिकायत कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आपको rahat.up.nic.in पर जाना होगा। इसके बाद rahat.up.nic/epass पर जाकर आवेदन भरा जा सकता है।
क्यूआर कोड के जरिए होगा सत्यापन
चेकिंग के दौरान ई-पास का सत्यापन क्यूआर कोड के जरिए पुलिसकर्मी करेंगे। ई-पास जारी करने के लिए अधिकारियों को भी पूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है। दूसरे राज्यों के लिए विशिष्ट मामलों में ई-पास आवेदक के प्रस्थान जिले से संबंधित डीएम जारी करेंगे।
इन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क
ई-पास के आवेदन संबंधी किसी समस्या के निराकरण के लिए विशेष सचिव, राजस्व विभाग रामकेवल के मोबाइल नंबर 9411006000, प्रोजेक्ट एक्सपर्ट चंद्रकांत के मोबाइल नंबर 9988514423, वाट्सएप नंबर 9454411081 और राहत आयुक्त कार्यालय के नंबर 0522-2238200 पर संपर्क किया जा सकता है।
सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू
कोविड सम्बन्धी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है। सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र और अस्पताल के बाहर भ्रमण करते रहेंगे, लोगों की मदद करते रहेंगे। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरूप सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे।
डीएम-सीएमओ होंगे जिम्मेदार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश के मुताबिक सेक्टर यह सुनिश्चित कराएंगे कि हर जरूरतममंद मरीज को बेड मिले। जरूरत ऑक्सीजन की हो, वेंटिलेटर की हो अथवा जीवनरक्षक दवाओं की, उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। बेड आवंटन और डिस्चार्ज पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू कराएं। किसी जिले में शासनादेशों का उल्लंघन होता हुआ पाया गया तो संबंधित जिलाधिकारी और सीएमओ की जवाबदेही तय की जाएगी।
सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू
कोविड सम्बन्धी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रणाली लागू की गई है। सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र और अस्पताल के बाहर भ्रमण करते रहेंगे, लोगों की मदद करते रहेंगे। हर जरूरतमंद को सरकारी नीतियों के अनुरूप सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे।
डीएम-सीएमओ होंगे जिम्मेदार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश के मुताबिक सेक्टर यह सुनिश्चित कराएंगे कि हर जरूरतममंद मरीज को बेड मिले। जरूरत ऑक्सीजन की हो, वेंटिलेटर की हो अथवा जीवनरक्षक दवाओं की, उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। बेड आवंटन और डिस्चार्ज पॉलिसी को प्रभावी ढंग से लागू कराएं। किसी जिले में शासनादेशों का उल्लंघन होता हुआ पाया गया तो संबंधित जिलाधिकारी और सीएमओ की जवाबदेही तय की जाएगी।
पत्रकार की मौत पर 5 लाख देगी सरकार
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि पत्रकार की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। स्थाई दिव्यांगता के मामले में पत्रकार को 5 लाख रुपये, कैंसर, रीनल फेल्योर, बाईपास, ओपन हार्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, ब्रेन हैमरेज और लकवाग्रस्त होने जैसी गंभीर बीमारी की दशा में 3 लाख रुपये और किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 2 लाख रुपये देने का प्रावधान है।