सार

चिकित्सक अस्पताल से बाहर की दवा लिखेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने व वहीं से ही मरीज को दवा देने का निर्देश दिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को परिसर में बने आवास में ही रहना होगा। 

लखनऊ: यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी लेते ही विभाग में लगातार हडकंप मचा हुआ है। डिप्टी सीएम लगातार सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाओं के जायजा लेने के लिए औचक निरक्षण कर रहे हैं। साथ ही अव्यनस्थाएं होने पर अधिकारियों को फटकार भी लगा रहे हैं। अब महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. वेदब्रत सिंह ने सभी सीएमओ व सीएमएस को निर्देश दिए हैं।

अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश
उन्होंने कहा कि कोई भी चिकित्सक अस्पताल से बाहर की दवा लिखेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने व वहीं से ही मरीज को दवा देने का निर्देश दिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को परिसर में बने आवास में ही रहना होगा। 

तीमारदारों के लिए कराई जाएं व्यवस्थाएं
महानिदेशक के 18 सूत्रीय पत्र में दवाओं पर विशेष जोर दिया गया है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी व पीएचसी में दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जहां पर दवा की उपलब्धता न हो, उसकी जानकारी तत्काल दी जाए। सभी डॉक्टर व कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश देते हुए समय-समय पर जांच कराने को भी कहा है। उन्होंने मरीजों व तीमारदारों के बैठने, लैब के बाहर मरीज बैठने, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था कराने, अस्पताल परिसर की सफाई, रंगाई, हर्बल गार्डेन बनाने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा है कि अस्पताल परिसर में शव वाहन, एंबुलेंस से जुड़े नोडल अधिकारी व वाहन चालक का फोन नंबर भी लिखवाया जाए।

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