सार
मंगलवार को जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शिया वक्फ बोर्ड की सदस्यता और वक्फ संपत्तियों मुतवल्ली पद से रिमूवल की कार्रवाई होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सर्वसम्मति से इस्तीफे की कॉपी आगे की कार्यवाही के लिए शासन को भेज दी।
लखनऊ: बीते साल 2021 में धर्म बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Narayan tyagi) बने वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) की उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Waqf Board ) की सदस्यता खत्म कर दी गई है। आपको बता दें कि वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार (Correption) के मामले में दोषी पाने के बाद शिया वक्फ बोर्ड वसीम रिजवी को पहले ही उनके पद से हटा चुका है। जिसके बाद अब मंगलवार को बोर्ड की ओर से शिकायत मिलने के बाद यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कार्रवाई करते हुए उनकी बोर्ड की सदस्यता भी खत्म कर दी है।
रिमूवल की कार्रवाई से पहले ही दिया इस्तीफा
मंगलवार को जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने शिया वक्फ बोर्ड की सदस्यता और वक्फ संपत्तियों मुतवल्ली पद से रिमूवल की कार्रवाई होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने सर्वसम्मति से इस्तीफे की कॉपी आगे की कार्यवाही के लिए शासन को भेज दी। आपको बताते चलें कि वसीम रिजवी वक्फ शिया यतीमखाना, कर्बला मलका जहां और वक्फ मियां दराब के मुवत्वल्ली होने के साथ ही शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य भी थे। हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करने के बजाए उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी मानते हुए उनको मुतवल्ली पद से बर्खास्त कर दिया और उनकी सदस्यता को समाप्त करने के लिये शासन को पत्र भेज दिया।
वक्फ विभाग के विशेष सचिव ने जारी की थी सदस्यता रद्द होने की अधिसूचना
मंगलवार देर शाम अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के विशेष सचिव डीएस उपाध्याय ने वसीम रिजवी की वक्फ बोर्ड की सदस्यता रदद होने की अधिसूचना जारी की। इसमें कहा गया कि वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 16 के खण्ड (ड) के उपखण्ड (एक) के उपबंध के अनुसार वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में अनर्ह हो गये हैं, लिहाजा वक्फ अधिनियम के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल ने उनकी सदस्यता को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने बताया कि वसीम रिजवी को भ्रष्टाचार की जांच में दोषी पाए जाने के बाद वक्फ संपत्तियों के मुतवल्ली पद से बर्खास्त किया जा चुका है। ऐसे में उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिये शासन को बोर्ड ने पत्र भेजा था। भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में उनकी जांच चल रही है, ऐसे में शासन ने उनकी सदस्यता को रदद कर दिया है।
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