सार
कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने विधायक निधि के साथ ही विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का फरमान जारी किया है। खबर है कि इस आदेश के बाद पांच जनप्रतिनिधियों ने सीडीओ को पत्र भेजकर धनराशि खर्च न करने की बात कही है।
लखनऊ (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए लोग दान कर रहे हैं। लेकिन, जौनपुर से हैरान करने वाली खबर निकलकर सामने आ रही है। जी हां, यहां भाजपा के पांच माननीयों ने कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए दिए गए अपने निधि का पैसा वापस ले लिया है। खबर है कि इसमें भाजपा के एक एमएलसी सहित चार विधायक और बसपा की एक विधायक शामिल हैं। इन माननीयों ने सीडीओ को पत्र लिखकर निधि की धनराशि का उपयोग करने से मना कर दिया है। बता दें कि, शासन ने एक साल की विधायक निधि स्थगित कर दी है।
जानिए, वापस पैसा लेने वाले माननीयों ने दी थी कितनी धनराशि
-भाजपा एमएलसी विद्यासागर सोनकर-1 करोड़
-बदलापुर के भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा-23 लाख
-जफराबाद के भाजपा विधायक डॉक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह-10 लाख
-केराकत के भाजपा विधायक दिनेश चौधरी-10 लाख
-मुंगराबादशाहपुर की बसपा विधायक सुषमा पटेल-5 लाख
इसलिए आवंटित की थी धनराशि
अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के राज्य और सदर विधायक गिरीश चंद्र यादव और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने सीएमएस व जिला अस्पताल को निधि का पैसा आवंटित किया था, जबकि शेष आठ विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में सीएचसी पर उपकरण के लिए सीएमओ को राशि दी थी।
...तो इसलिए किया ऐसा
कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने विधायक निधि के साथ ही विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती का फरमान जारी किया है। खबर है कि इस आदेश के बाद पांच जनप्रतिनिधियों ने सीडीओ को पत्र भेजकर धनराशि खर्च न करने की बात कही है। सीडीओ अनुपम शुक्ल ने कहा है कि बदलापुर, केराकत, मुंगराबादशाहपुर व जफराबाद क्षेत्रों के विधायकों ने पत्र भेजकर निधि से दिए गए रुपए वापस मांगा था। उन्होंने बताया कि पूर्व में दी गई धनराशि को वापस कर दी है।