सार

ज्ञानवापी मंदिर मामले में वाराणसी में  संतों की बैठक 3 जून को रखी गई है। इस मीटिंग में विभिन्न जगह सें महंत, सामाजिक कार्यकर्ता एवं संतों के बीच में चर्चा होगी।  उम्मीद लगाई जा रही है कि ज्ञानवापी मामले पर चर्चा के बाद एक प्रस्ताव ला सकते हैं। इस पूरे मामले में लग रहा अब संत समाज एक अहम भूमिका भी निभा सकते हैं।
 

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 4 जुलाई दी हैं। लेकिन उससे पहले काशी में यह मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा हैं। हिंदू उसे शिवलिंग तो मुस्लिम उसे फव्वारा बता रहें हैं। इस बहस के बीच सोशल मीडिया पर जब से सर्वे का वीडियो सामने आया हैं तब से हिन्दू पक्ष अपने दावे को पक्का बताया हैं। संत समाज के लोग भी अब शिवलिंग की पूजा अर्चना की मांग कर रहें हैं।  इस मामले पर विद्या मठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज शनिवार 4 जून को भगवान आदि विश्वेश्वर की आराधना शुरू करने ज्ञानवापी जाएगा।

संतों ने रखी अपनी बात 
गुरुवार को वाराणसी के केदार घाट स्थित विद्या मठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने की संत समाज शनिवार 4 जून को भगवान आदि विश्वेश्वर की आराधना शुरू करने ज्ञानवापी जाएगा। वाराणसी के मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में अब अखिल भारतीय संत समिति भी एंट्री करेगी। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने वाराणसी में कहा कि इसीलिए 11-12 जून को हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। इसके बाद 25-26 जून को संत समिति की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक हरियाणा के पटौदी स्थित आश्रम हरि मंदिर में होगी। हम वहां निर्णय लेंगे कि हमें हिंदू समाज के साथ किस दिशा में आगे बढ़ना है।

वाराणसी में 3 जून को लगेगा संतों जमावड़ा 
ज्ञानवापी मंदिर मामले में वाराणसी में  संतों की बैठक 3 जून को रखी गई है। इस मीटिंग में विभिन्न जगह सें महंत, सामाजिक कार्यकर्ता एवं संतों के बीच में चर्चा होगी।  उम्मीद लगाई जा रही है कि ज्ञानवापी मामले पर चर्चा के बाद एक प्रस्ताव ला सकते हैं। इस पूरे मामले में लग रहा अब संत समाज एक अहम भूमिका भी निभा सकते हैं।

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