सार

पांच घंटे चले ऑपरेशन के बाद सभी मोतियों को निकाला गया। अब बच्चे की तबीयत ठीक है। वह खाना भी खा रहा है। डॉक्टरों ने कहा कि विशेषकर पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को अकेले में न छोड़ें। उनके खेलते समय पूरा ध्यान रखें।


लखनऊ (Uttar Pradesh)  । डेढ़ साल का का एक बच्चा खेल-खेल में चुंबकनुमा 65 मोतियों वाली माला निगल गया। हैरानी की बात यह कि परिवार के लोगों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी, जबकि बच्चा लगातार उल्टियां कर रहा था और रो रहा था। बावजूद इसके उसे अस्पताल नहीं ले गए। जब बच्चे की हालत काफी गंभीर हो गई तो पांचवें दिन उसे एक निजी चिकित्सक के पास ले गए। जहां हालत नाजुक देख एक्सरे कराया गया, जिसकी रिपोर्ट देखकर सभी हैरान हो गए।

 यह है पूरा मामला
चार दिन तक आराम नहीं होने पर परिवार के लोग पांचवें दिन बच्चे को लेकर गोमती नगर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे थे। जहां पर उसे डिहाइड्रेशन की शिकायत के चलते भर्ती किया गया। परिवार के लोग बच्चे की तबीयत खराब होने के पीछे कोई सटीक हिस्ट्री नहीं बता सके। डॉ. सुनील कन्नौजिया के अनुसार एक्सरे करने पर उसके पेट में माला नजर आई। तब भी परिवारजन को भरोसा नहीं हुआ। अभिभावक घर में किसी भी तरह की माला न होने की बात बताने लगे।

आंत में चिपक गए थे मोती 
पेट में चीरा लगाने के दौरान उपकरण उसमें चिपकने लगे, जिससे पता चला की माला चुंबकयुक्त है। इसके बाद डॉक्टरों ने लोहे के उपकरण का सहारा लिया। आंत में चुंबक के मोती आपस में चिपक गए थे। इससे आंतों की चाल भी गड़बड़ा गई और उसमें कई सुराख हो गए। ये मोती छोटी और बड़ी आंत दोनों में पहुंच गए थे। इससे छोटी आंत में पांच और पेट के पीछे हिस्से में एक सुराख हो गया था। 

पांच घंटे चला ऑपरेशन
पांच घंटे चले ऑपरेशन के बाद सभी मोतियों को निकाला गया। अब बच्चे की तबीयत ठीक है। वह खाना भी खा रहा है। डॉक्टरों ने कहा कि विशेषकर पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को अकेले में न छोड़ें। उनके खेलते समय पूरा ध्यान रखें।