सार

यूपी के मुरादाबाद में स्मार्ट सिटी का ढिंढोरा पीट रहे नगर निगम की जनता ने पोल खोल दी है। समस्याओं से परेशान होकर कृष्ण कॉलोनी के लोगों ने एक बैनर टांग दिया है। बता दें कि कॉलोनी के लोग पानी, गंदगी और रोशनी जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं।

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नगर-निगम जहां एक ओर स्मार्ट सिटी का ढिंढोरा पीट रही है तो वहीं दूसरी ओर जनता स्मार्ट सिटी की पोल खोल रही है। बता दें कि समस्याओं से परेशान होकर कृष्ण कॉलोनी गली नंबर तीन में एक बैनर टांगा गया है। इस बैनर में लिखा है कि 'कृपया यहां वोट मांगने ना आएं'। वीआईपी मार्ग को चमका कर नगर-निगम वाहवाही लूट रहा है। लेकिन मोहल्ले के लोग पानी, रोशनी और गंदगी जैसी दिक्कतों से आजिज नजर आ रहे हैं।

कॉलोनियों में लगा है कचरे का भंडार
बता दें कि हिमगिरी वार्ड 8 में कचरा फैला है। गंदगी होने के बाद भी यहां पर डस्टबिन तक नहीं रखवाए गए हैं। यहां पर रहने वाले लोग गंदगी और दुर्गंध से परेशान हैं। इसके अलावा कचरे को भी सुव्यवस्थित नहीं किया जा रहा है। वहीं शिव मंदिर के पास भी कचरे का भंडार लगा रहता है। स्थानीय निवासी दीपक ने बताया कि कूड़ा फैलने से काफी दिक्कतें होती हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद भी मामले पर सुनवाई नहीं की जा रही। वहीं प्रीति ने भी साफ-सफाई से जुड़ी दिक्कतों के बारे में बात की।

खो गई स्मार्ट सिटी की चमक 
इसके अलावा रेलवे लाइन के किनारे बसे वार्ड नंबर 12 और 13 में तो समस्याओं का अंबार है। यहां पर बदहाल सड़कें, गंदगी और पीने के पानी को लेकर भी खासी दिक्कतें देखने को मिलती हैं। लोगों ने बताया कि साफ-सफाई करने और कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों के कम होने के कारण इस तरह की समस्याओं से हर रोज दो-दो हाथ करने पड़ते हैं। वहीं सीवर लाइन की कनेक्टिविटी भी बेहतर नहीं है। वैसे तो मुरादाबाद को स्मार्ट सिटा का तमगा मिला है। लेकिन शहर के तमाम वार्ड ऐसे हैं जहां पर स्मार्ट सिटी की चमक खो जाती है। रेलवे लाइन के किनारे बसे गोविंद नगर से शिवपुरी के बीच वाले क्षेत्र में भी समस्याओं का अंबार लगा है।

मामले पर नहीं हो रही सुनवाई
बताया गया कि गोविंद नगर में बीच सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर को शिफ्ट नहीं किया गया है। बता दें कि लगभग 22 हजार मतदाता की आबादी वाले इस क्षेत्र की सड़के भी बदहाल है। कई वार्डों में तो अधूरी सड़कें बनी हुई हैं। वहीं गोविंद नगर फुट ओवर ब्रिज से जहां एक ओर लोगों को राहत मिली है तो वहीं दूसरी ओर पुल पर लाइटों की व्यवस्था ना होने से हादसे का खतरा भी बढ़ गया है। बताया गया कि पूर्व सांसद अनिल शर्मा काले और सोनू सैनी समेत कई लोगों ने डीआरएम से मुलाकात कर पुल पर लाइट लगवाने का पत्र सौंपा था। लेकिन इसके बाद भी मामले पर कोई सुनवाई नहीं की गई।

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