सार

22 सितंबर को डॉटर्स डे था। यानी बेटियों का दिन। ऐसे में hindi.asianetnews.com आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहा है, जो न सिर्फ पढ़ाई में अव्वल है, बल्कि अपनी मां के साथ फुटपाथ पर सब्जी भी बेचती है और घर में भी उनका हाथ बंटाती है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). 22 सितंबर को डॉटर्स डे था। यानी बेटियों का दिन। ऐसे में hindi.asianetnews.com आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहा है, जो न सिर्फ पढ़ाई में अव्वल है, बल्कि अपनी मां के साथ फुटपाथ पर सब्जी भी बेचती है और घर में भी उनका हाथ बंटाती है।  

मां बोली-भगवान ऐसी बेटी सभी को दे
राजधानी में गोमतीनगर के तकवा गांव की रहने वाली 15 साल की मोहिनी कन्नौजिया इंडियन पब्लिक स्कूल में 11वीं की छात्रा है। उसके पिता राम अवध कन्नौजिया पहले सब्जी बेचते थे, लेकिन 4 महीने पहले पिता को फालिज होने के कारण डॉक्टर ने उन्हें काम करने से मना कर दिया। मोहनी और उसकी मां लक्ष्मी सब्जी बेचने का काम करती हैं। उसके दो भाई हैं, जोकि प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां लक्ष्मी कहती हैं, पहले बिटिया अपने पिता के साथ सब्जी बेचती थी। उनके बीमार होने के बाद हमारा हाथ बंटाती है। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक स्कूल में रहती हैं। वहां से आते ही मेरे साथ सब्जी बेचने बैठ जाती है। रात में फिर पढ़ने बैठ जाती है और सुबह तड़के उठकर घर के काम निपटा देती है। भगवान ऐसी बेटी सभी को दे। 

जानें लड़की का क्या है कहना
मोहिनी कहती है, मुझे इस बात को बताने में कोई शर्म नहीं आती कि मैं सब्जी बेचती हूं। मेरे क्लास के सभी बच्चे जानते हैं। कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता। बस ईमानदारी से काम करना चाहिए। मैं बड़ी होकर कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जिससे माता-पिता का जीवन आसानी से गुजर जाए। 

इस तरह स्कूल में पता चली थी सब्जी बेचने की बात 
मोहिनी के स्कूल की डायरेक्टर वंशिका यादव कहती हैं, करीब 6 महीने पहले मोहिनी प्रिंसिपल ऑफिस में किसी से बात कर रही थी। उसकी बॉडी लैंगुएज और हाथों को बार-बार घुमाने का तरीका कुछ अजीब था। प्रिंसिपल ने उसे समझाया कि हाथ घुमा-घुमा कर किसी से बात नहीं करते। तब उसने बताया कि वो सब्जी बेचती है और हाथ घुमाकर बात करना उसकी आदत बन गई है। यह बात सुनकर हम हैरान रह गए, क्योंकि न तो उसकी फीस कभी लेट हुई, न ही कभी उसके नम्बर कम हुए। हमें गर्व है कि स्कूल में एक ऐसी मेहनती बच्ची भी है। वो उन लोगों के लिए प्रेरणा है जिनके पास सब कुछ है, लेकिन वो पढ़ना नहीं चाहते। स्कूल की तरफ से मोहिनी को सम्मानित किया जाएगा।