सार
साध्वी ऋतम्भरा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वर्णिम इतिहास वाला निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में नया इतिहास रचा गया है।
मथुरा (Uttar Pradesh ). श्रीराम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली साध्वी ऋतंभरा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खुश हैं। मथुरा पहुंची साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि देश को आजादी तो 1947 में मिल गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांस्कृतिक रूप से भी आजादी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश में स्वर्णिम इतिहास लिखेगा।
कौन हैं साध्वी ऋतम्भरा
साध्वी ऋतम्भरा एक साध्वी और धार्मिक कथा वाचक हैं। ये 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के खिलाफ होने वाले आंदोलन में प्रमुखता से भाग लेने के बाद काफी चर्चित हो गईं। साध्वी ऋतम्भरा विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्य भी हैं। ये केवल भारत में ही नहीं बल्कि बाहर के देशों में भी हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार कर रही हैं। इनका मुख्य आश्रम मथुरा में है।
भारत में रचा गया है नया इतिहास
साध्वी ऋतम्भरा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वर्णिम इतिहास वाला निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा कि, भारत में नया इतिहास रचा गया है। जिसके लिए आंदोलन चलाया, वर्षों इंतजार किया अब उद्देश्य अब पूरा हो गया। इससे बड़ी कोई दूसरी खुशी हो ही नहीं सकती।
ओवैसी के बयान पर कसा तंज
साध्वी ऋतम्भरा ने एआईएमईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर तंज कसा है ,ओवैसी के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया पूंछने पर उन्होंने कहा अभी स्वाद मत खराब करिए। साध्वी ने कहा कि कुछ लोग विघ्न संतोषी होते हैं। वह बंटवारे के रोगी होते हैं।
ओवैसी ने कहा था,हमें खैरात नहीं चाहिए
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने कहा था कि हम अपने कानूनी अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। हिन्दुस्तान का मुसलमान इतना गिरा नहीं है कि वो 5 एकड़ की जमीन भीख लेंगे। हम ऐसे ही मांगने चले जाएंगे तो हमें इससे ज्यादा जमीन मिल जाएगी। हमें 5 एकड़ जमीन खैरात नहीं चाहिए। हमें किसी से भीख की जरूरत नहीं है। मुस्लिम बोर्ड क्या फैसला लेगा ये उनका मसला है। मेरी निजी राय है कि हमें पांच एकड़ के प्रस्ताव को रिजेक्ट करना चाहिए। हमें कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए।