सार

निलंबित चल रहे आईपीएस अफसर जसवीर सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिख पुलिस महकमे के वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है। इसको लेकर आईपीएस ने अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). निलंबित चल रहे आईपीएस अफसर जसवीर सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिख पुलिस महकमे के वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है। इसको लेकर आईपीएस ने अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है। बता दें, नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने कथित वीडियो वायरल होने के बाद 5 आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसको लेकर एसपी ने प्रेस कान्फ्रेंस भी थी। जसवीर सिंह ने इसी प्रेस कान्फ्रेंस को अपनी शिकायत का आधार बनाया है। 

क्या है पूरा मामला
आईपीएस जसवीर ने समाचार पत्रों में छपी खबरों का हवाला देते हुए अपने लेटर में लिखा, यूपी कैडर के पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी के द्वारा कराई जाए। जिलों में तैनाती के लिए पैसे और अन्य प्रकार का प्रलोभन प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। वैभव कृष्ण के कथित नोट में इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की पोस्टिंग, ट्रांसफर में लाखों रुपये लेकर जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दिए जाने की शिकायतें हैं। पहली नजर में यह एक आपराधिक कृत्य है। मैं ये लेटर एक नागरिक के तौर पर और एक करदाता की हैसियत से लिख रहा हूं। इन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर स्वतंत्र एजेंसी के सत्यनिष्ठ अधिकारियों की एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए।

आरोपी अफसरों को उनके पदों से हटाया जाए
जसवीर ने मांग की है कि जिन पुलिस अफसरों के भ्रष्टचार करने के तथ्य सार्वजनिक हुए हैं उनके द्वारा साक्ष्यों को नष्ट किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अफसरों को निलंबित करते हुए वर्तमान पदों से हटाया जाए। बता दें, जसवीर सिंह 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वे निलंबित चल रहे हैं।