सार

स्वास्थ्य विभाग ने छठी बटालियन पीएसी में 441 जवानों की स्क्रीनिंग की है। पीएसी के 17 जवानों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद यहां आने वाले दूधवाले कुक और यहां तक कि सब्ज़ीवाले को भी टैमीफ्लू की दवा दी जा रही है। उधर 10 दिनों तक पीएसी बटालियन के मूवमेंट को रोक दिया गया है। 
 

मेरठ (Uttar Pradesh) । तीन जिलों में स्वाइन फ्लू का प्रकोप है। अब तक वेस्ट यूपी के कई अन्य जिलों से मेरठ के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने आए 12 लोगों के मौत की खबर है। इनमें 9 मेरठ और मुजफ्फरनगर, हापुड़ और शामली से आए एक-एक मरीजों के जानकारी मिल रही है। वहीं, मेरठ में अब तक 71 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शासन की तीन सदस्यीय टीम भी मेरठ पहुंच रही है। 

पीएसी के 414 जवानों की स्क्रीनिंग, 17 की पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग ने छठी बटालियन पीएसी में 441 जवानों की स्क्रीनिंग की है। पीएसी के 17 जवानों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद यहां आने वाले दूधवाले कुक और यहां तक कि सब्ज़ीवाले को भी टैमीफ्लू की दवा दी जा रही है। उधर 10 दिनों तक पीएसी बटालियन के मूवमेंट को रोक दिया गया है। 

स्वाइन फ्लू के पेशेंट के लिए रखे गए 40 बेड
सीएमओ डॉ राजकुमार ने मीडिया को बताया कि पीएसी के 27 जवानों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 17 जवानों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनका इलाज मेरठ मेडिकल कॉलेज के आईसोलेशन वार्ड में किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर मेरठ मेडिकल कॉलेज में आईसोलेशन वार्ड में बेड की संख्या भी बढ़ा दी गई है। यहां अब 20 की जगह 40 बेड सिर्फ स्वाइन फ्लू के पेशेंट के लिए रखे गए हैं।


(प्रतीकात्मक फोटो)