सार

10 मई को 4 बजे भोर में मुंबई से मैं निकला। बाइक चलाते चलाते मेरी आंखें लाल हो चुकी थीं। मैं इंदौर पहुंचा तो तेज आंधी-पानी का सामना हुआ। गाड़ी सहित मैं जा गिरा था। बारिश तूफान और रात को ठंड भी देख लिया। रास्ते में जंगल पड़ा।

वाराणसी (Uttar Pradesh)। मुंबई से फंसे लोग घर आने को परेशान हैं। अब तो जो जैसे मौका पा रहा है वैसे ही वहां से भाग आ रहा है। इनमें एक्टर आसिफ सईद भी शामिल हैं, जो इस समय 'एक महानायक भीमराव आंबेडकर' सीरियल में नजर आ रहे हैं और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के चाचा का किरदार निभा रहे हैं। हालांकि शूटिंग बंद होने पर आसिफ घर आने के लिए जल्दी अनुमति न मिलने पर बाइक से ही निकल पड़ें। वह करीब तीन दिन में मुंबई से वाराणसी पहुंचे। इस दौरान आंधी-पानी में गाड़ी सहित गिर भी पड़े थे। वह बताते हैं कि अकेले एक कमरे में बैठे-बैठे मैं पागल होता जा रहा था। बस टीवी पर कोरोना की खबरें देखकर और परेशान था। ऐसे में लग रहा था न जाने क्या होगा।

डॉक्टर की बातें सुनकर लिया फैसला
आसिफ बनारस के पहड़िया स्थित अशोक विहार के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से मुंबई में एक्टिंग कर रहे हैं। आसिफ अभी हाल ही में बाइक से मुंबई से बनारस पहुंचे हैं। आसिफ इन दिनों 'एक महानायक भीमराव आंबेडकर' सीरियल में नजर आ रहे हैं, जो डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के चाचा का किरदार निभा रहे हैं। वे बताते हैं कि शूटिंग बंद हो चुकी थी और अकेले एक कमरे में बैठे-बैठे मैं पागल होता जा रहा था। दोस्त की मदद से डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने बताया कि मेरे अंदर डर बैठ गया है।

ऐसे किया बाइक से सफर
घर आने के लिए वहां पर आने अधिकारियों से फॉर्म आदि को भी भर कर दिया। मगर, कार से आने की स्वीकृति मिल नहीं रही थी। ऐसे में हिम्मत बांधी और बाइक से ही मुंबई से बनारस आना तय किया 10 मई को 4 बजे भोर में मुंबई से मैं निकला। बाइक चलाते चलाते मेरी आंखें लाल हो चुकी थीं। मैं इंदौर पहुंचा तो तेज आंधी-पानी का सामना हुआ। गाड़ी सहित मैं जा गिरा था। बारिश तूफान और रात को ठंड भी देख लिया। रास्ते में जंगल पड़ा।

नियमों का किया पालन
12 मई की रात वाराणसी आया तो घर वालों को सूचित कर दिया। वाराणसी आने पर सीधे टेस्ट कराने राजातालाब पहुंचा। वहा लंबी लाइन देखकर घबरा गया। फिर हरहुआ में जाकर जांच करवाया। सब रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मैं अपने घर आकर क्वारंटाइन हो गया।