सार

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार विधान सभा चुनाव मैदान में गोरखपुर शहर से प्रत्याशी के रूप में हैं। पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ रहे योगी इससे पहले प्रत्याशियों को विधायकी चुनाव लड़ाते रहे हैं। 

अनुराग पाण्डेय

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस बार विधान सभा चुनाव मैदान में गोरखपुर शहर से प्रत्याशी के रूप में हैं। पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ रहे योगी इससे पहले प्रत्याशियों को विधायकी चुनाव लड़ाते रहे हैं। गोरखपुर की 9 विधान सभा में योगी जिसके पक्ष में जनसभा करते, उस कैंडिडेट की जीत तय मानी जाती थी। वहीं पांच बार के सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ इतने लोकप्रिय नेता थे कि लोकसभा चुनाव में जो भी उनके खिलाफ ताल ठोकता उसकी जमानत भी जब्त हो जाती थी। वहीं सपा (SP), बसपा (BSP) और कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशियों के कुल वोट जोड़ देने के बाद भी उनकी संख्या योगी को मिले वोटों की बराबरी नहीं कर पाते थे। ये कह सकते हैं कि लोक सभा चुनाव में योगी पर वोट बरसते थे, तो दूसरी तरफ सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी वोटों के लिए तरसते थे। 

योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई। साल 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे। वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। इसके बाद ये सिलसिला लगातार चलता रहा और ऐसा भी समय आया जब योगी सीएम भी बने।

साल 2009 में योगी को मिले वोट
योगी आदित्यनाथ साल 2009 में भाजपा से लोकसभा चुनाव मैदान में खड़े हुए। इस चुनाव में योगी को 77438 हजार वोट मिले। इस चुनाव में बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी योगी के खिलाफ चुनाव लड़े। विनय तिवारी को 25352 वोट मिले। वहीं भोजपुरी फिल्म के फेमस अभिनेता सपा कैंडिडेट मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) को केवल 11521 वोट प्राप्त हुए। जबकि कांग्रेस कैंडिडेट लाल चंद निषाद को 4678 हजार वोट मिले। इस चुनाव में बसपा, सपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के वोट को जोड़ लिया जाए तो भी वे योगी आदित्यनाथ को मिले वोटों की बराबरी नहीं कर पा रहे थे। सूत्रों की मानें तो योगी से हार के बाद उनकी लोकप्रियता को देखकर ही भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी गोरक्षपीठाधीश्वर से आकर्षित होकर भाजपा पार्टी में आ गए थे।

साल 2014 में योगी को मिले रेकॉर्ड वोट 
साल 2014 लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो योगी आदित्यनाथ इस इलेक्शन में रिकॉर्ड तोड़ वोट से विजेता बने। इस चुनाव में गोरखपुर से भाजपा कैंडिडेट योगी आदित्यनाथ को 133892 लाख वोट मिलें। जबकि इनके खिलाफ चुनाव लड़ रहीं सपा कैंडिडेट राजमती निषाद को 31055 हजार, बीएसपी के राम भूवाल निषाद को 20479 हजार और चौथे पायदान पर कांग्रेस कैंडिडेट अष्टभुजा त्रिपाठी को महज 12097 हजार वोट मिलें। जबकि अन्य पार्टियां 2 से 4 हजार वोट पाकर उनकी जमानत तक जब्त हो गई। वहीं तीन बड़े दल सपा, बसपा और कांग्रेस का कुल वोट जोड़ने पर भी योगी आदित्यनाथ को मिले वोटों की बराबरी नहीं कर पा रहे थे।

एक बार फिर बन सकता है ​रिकॉर्ड
अभी तक लोकसभा चुनाव लड़कर कभी नहीं हारने वाले योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव में भी रिकॉर्ड तोड़ वोटों से विजयी हो सकते हैं। अभी तक सपा, बसपा कई दिनों के मंथन के बाद कोई ऐसा चेहरा नहीं उतार सकीं जो योगी के टक्कर का हो। वहीं इन बड़े दलों की बात छोड़ दें तो भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद को अच्छे वोट मिल सकते हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं।

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