सार

आजमगढ़ जिले में एक बुजुर्ग की तस्‍वीरें और वीडियो वायरल हुई हैं जिसमें बुजुर्ग अपने परिवार को हाथ ठेला पर बैठाकर मतदान कराने ले जा रहा है। खुद बुजुर्ग की भी हालत ठीक नहीं है लेकिन लोकतंत्र के लिए उसका उत्‍साह चर्चा में है।

आजमगढ़: उत्तर प्रदेश में आज सातवें और अंतिम चरण का मतदान हो रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। इसी बीच यूपी के जिले आजमगढ़ में एक बुजुर्ग की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुई हैं। जिसमें बुजुर्ग अपने परिवार को हाथ ठेला पर बैठाकर मतदान कराने ले जा रहा है। बुजुर्ग के इस जज्बे को देखकर हर किसी का सीना गर्व से भर जाएगा। उनका नाम हरिलाल है, उम्र 70 साल की है और इतनी उम्र के होकर देशवासियों के लिए प्रतीक बन गए है। लोकतंत्र के पर्व को उत्साह से बनाने के लिए हर कोई इनसे सीख ले सकता है। 

हरिलाल के जज्बे को बूथ के सिपाहियों ने भी किया सैल्यूट 
हरिलाल इस उम्र में भी अपने परिवार को हाथ ठेला पर लेकर बूथ पर पहुंचे तो मौजूद सिपाहियों ने भी उनको सैल्यूट किया। वहीं दिव्यांग बहू ने अक्षमता जताई तो उसे भी बूथ तक हाथ ठेला पर बैठाकर ले लाए। बुजुर्ग व्‍यक्ति के मतदान को लेकर इस जज्‍बे के आगे मानो रास्‍ते का पहाड़ भी अपना जज्‍बा खो बैठा और उनको बूथ तक का सरल रास्‍ता प्रदान किया। 

70 वर्षीय हरिलाल के इस जज्बे को बूथ के सिपाहियों ने भी सैल्यूट मारा। उचित भी हरिलाल में लोकतंत्र के पर्व को मनाने का ऐसा जज्बा था कि वृद्ध पत्नी के अलावा दिव्यांग बहू को भी ठेले पर बैठाकर मतदान केंद्र पर ले आए। पसीने से तर-बतर हरिलाल का ठेला रुका तो उनकी कहानी जान लोगों की जुबां से बरबस बोल फूटा कि देश में मजबूत लोकतंत्र का कोई बाल बांका नहीं कर सकता है।
 
लोकतंत्र में आस्था की वजह से हरिलाल पहुंचा मतदान केंद्र
बता दें कि शहर से सटे जोधी का पुरा निवासी हरिलाल का मतदान केंद्र शिब्ली कालेज में था। 70 की उम्र में खुद डेढ़ किमी. जाना मुश्किल प्रतीत हो रहा था, लेकिन लोकतंत्र में आस्था ऐसी कि पूरे परिवार को मतदान केंद्र पर पहुंचाने की ठान ली। फिर क्या अपनी पत्नी आंझू व दिव्यांग बहू दोनों को घर में पड़े ठेले पर बैठा ले आए शिब्ली कालेज स्थित मतदान केंद्र। आंझू ने बताया कि सब कोई वोट देने जा रहा था, तो मेरी भी इच्छा हुई। बोली कि मेरा हाथ में फ्रैक्चर है, इसलिए ठेले पर बैठकर आई हूं। 

दिव्यांग बहू के मन में भी वोट देने की इच्छा महसूस हुई तो इनको भी ठेले पर बैठाकर ले आए हैं। हरिलाल ने बताया कि सरकार ने वोट देने का अधिकार दिया है। इसका प्रयोग कर हम देश में लोकतंत्र को मजबूत करने आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कोई उम्मीद नहीं है। क्या 500, 1000 रुपये (राज्य द्वारा दिए गए) हमें ठीक कर सकते हैं?

इन नेताओं की किस्मत का होगा फैसला
यूपी विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में सोमवार को नौ जिलों की 54 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस चरण में 75 महिलाओं समेत 613 प्रत्याशी मैदान में हैं। वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़, मऊ, भदोही, मिर्जापुर और सोनभद्र के 2.06 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इस चरण में मंत्री अनिल राजभर, रविंद्र जायसवाल, नीलकंठ तिवारी, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, ओम प्रकाश सिंह, शैलेंद्र यादव ललई, भाजपा से सपा में आए दारा सिंह चौहान, ओम प्रकाश राजभर, बाहुबली धनंजय सिंह, विनीत सिंह जैसे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।

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