सार
जारी गाइडलाइंस के अनुसार, माघ मेले में स्नान से पहले आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट निगेटिव दिखाना अनिवार्य होगा। निगेटिव रिपोर्ट वाले श्रद्धालुओं को ही मेला में स्नान करने की अनुमति दी जाएगी। इस बार माघ मेले में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में कोरोना महामारी (Covid 19) के बढ़ते संक्रमण के बीच योगी सरकार (Yogi government) पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर आ चुकी है। भविष्य में होने वाले जरूरी कार्यक्रमों और योजनाओं को लेकर लगातार नए नए निर्देश दिए जा रहे हैं, इसी बीच अधिक भीड़भाड़ बनाने वाले आयोजनों को या तो रोका जा रहा है या फिर सख्ती के साथ कोरोना नियमों के पालन की हिदायत दी जा रही है। कोरोना संक्रमण के बीच आगामी दिनों में होने वाले होने वाले माघ मेले को लेकर भी यूपी का स्वास्थ्य विभाग (Health department) पूरी तरह से तैयार को गया है। इसके लिए प्रयागराज समेत सूबे के अलग-अलग जिलों में लगने वाले माघ मेला में स्नान से पूर्व कोविड जांच जरूरी कर दी गयी है। जारी गाइडलाइंस के अनुसार, माघ मेले में स्नान से पहले आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट निगेटिव दिखाना अनिवार्य होगा। निगेटिव रिपोर्ट वाले श्रद्धालुओं को ही मेला में स्नान करने की अनुमति दी जाएगी। इस बार माघ मेले में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा।
माघ मेला में रहेंगी कोरोना जांच से जुड़ी सारी व्यवस्थाएं
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह बताया कि मेले में कोविड जांच के इंतजाम रहेंगे। श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संतों को मेले में प्रवेश के लिए 48 घंटे के अंदर की निगेटिव आरटीपीसीआर की रिपोर्ट लानी होगी। मेले में आने वाले कल्पवासियों का डेटाबेस भी तैयार किया जाएगा। 15-15 दिनों में दो बार रैपिड एंटीजेन किट से हर कल्पवासी की कोविड जांच भी कराई जाएगी। इसके अलावा शिविर में अगर एक भी श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो सभी लोगों को 15 दिन के लिए आइसोलेट भी किया जाएगा। यही व्यवस्था गोरखनाथ खिचड़ी मेले में भी लागू होगी। मेले में मास्क अनिवार्य होगा।
नोएडा और गोरखपुर में उपलब्ध कराई जाएंगी जीनोम सिक्वेसिंग मशीनें
उन्होंने कहा कि इस वक्त रोजाना दो लाख कोरोना जांच कराई जा रही है। कोरोना के 10 प्रतिशत केस में जीनोम सिक्वेसिंग की जांच कराई जा रही है। इसे और बढ़ाया जाएगा। नोएडा और गोरखपुर में जीनोम सिक्वेसिंग के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यहां फरवरी तक मशीन मिल जाएगी। इसके बाद से पूर्वांचल में जीनोम सिक्वेसिंग के लिए बड़ा केंद्र गोरखपुर बन जाएगा। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का लक्षण भी पुराने वेरिएंट की तरह ही है। लेकिन, ओमीक्रॉन की संक्रमण दर काफी तेज है। कोविड से पहली मौत की सूचना मेरठ के डॉक्टर की मिली है। इसकी पूरी जानकारी इकट्ठा कराई जा रही है।